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आकाशीय बिजली गिरने से महिला की मौत

ललितपुर ब्यूरो : जिले की भौगोलिक स्थिति व धात्विक क्षमता अब यहाँ के लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रह

By Edited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 01:09 AM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 01:09 AM (IST)

ललितपुर ब्यूरो : जिले की भौगोलिक स्थिति व धात्विक क्षमता अब यहाँ के लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। आकाशीय बिजली गिरने से हो रही मौतों का सिलसिला जारी है। कस्बा पाली में खेत पर फसल की रखवाली कर रही एक महिला की मूसलाधार बारिश के बीच आकाशीय बिजली गिरने से मौके पर ही मौत हो गयी। गाज की धमक से पास से होकर गुजर रही 3 किशोरियाँ मौके पर बेहोश हो गयी। सूचना पर उपजिलाधिकारी पाली ने घटनास्थल का मुआयना किया। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया।

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जनपद में मौसम की मार व प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला थामे नहीं थम रहा है। इसानी जान के साथ-साथ मूक पशु व धन सम्पदा भी आकाशीय बिजली की भेंट चढ़ जाती हैं। वर्ष के आँकड़ों पर नजर डाले, तो इक्का-दुक्का माह छोड़ दें, तो हर माह गाज गिरने से जन-धन की हानि हो रही है। शुक्रवार को पाली निवासी द्रोपती चौरसिया (55) पत्‍‌नी गोविन्ददास का कस्बे से एक किलोमीटर दूर बड़ी भवानी माता मन्दिर जाने वाले मार्ग पर भुजरया तालाब के पास ढाई एकड़ का खेत है। उसने खेत में उड़द की फसल बोयी है। शुक्रवार की सुबह वह बड़ी भवानी माता मन्दिर दर्शन करने के लिए चली गयी। लगभग 9.30 बजे वह घर वापस लौट रही थी, तभी अचानक पानी बरसने लगा। इस पर वह पास में ही स्थित खेत पर प्रतिदिन की तरह फसल की रखवाली करने के लिए चली गयी। उसने खेत में घुसे जानवरों को भगा दिया और वही बनी झोंपड़ी में आ गयी। इसी बीच तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली झोपड़ी पर जा गिरी, जिससे द्रोपती की मौके पर ही मौत हो गयी। घटनास्थल के पास माता मन्दिर मार्ग से गुजर रही कस्बे की तीन किशोरियाँ रूबी, शिवानी, शान्ति आकाशीय बिजली की धमक से मौके पर ही बेहोश हो गयीं। गाज गिरने की खबर फैलते ही मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ एकत्रित हो गयी। परिजन भी रोते बिलखते हुए मौके पर पहुच गये। घटनास्थल पर द्रोपती का शव पड़ा था। उसके दोनों हाथ की हथेली झुलसी हुई थी। झोपड़ी में छेद हो गया था, जो घटना की गवाही दे रहा था। सूचना पर उपजिलाधिकारी पाली प्रदीप वर्मा, पाली थानाध्यक्ष राजेश यादव, नगर पंचायत अध्यक्ष रामकुमार चौरसिया आदि मौके पर पहुँच गये। एसडीएम ने घटनास्थल का मुआयना किया और परिजनों से जानकारी ली। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम को भेज दिया। मृतका के तीन पुत्र है। इस घटना से लोगों में दहशत है।

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काश मान ली होती परिजनों की बात

सुबह जब द्रोपती मन्दिर जाने के लिए घर से निकली थी, तो परिजनों ने बरसात होने की बात कहकर खेत पर न जाने को कहा था। लेकिन द्रोपती को तो शायद मौत झोपड़ी में खींच ले गयी थी। यही वजह है कि मन्दिर से लौटते वक्त वह फसल की रखवाली के लिए खेत पर पहुँच गयी और आकाशीय बिजली की चपेट में आ गयी। काश यदि वह अपने परिजनों की बात मान लेती, तो शायद उसकी जान बच जाती।

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पाली के इतिहास में पहली घटना

पाली के इतिहास में आकाशीय बिजली गिरने से मौत का यह पहला मामला है। इससे पूर्व कभी इस तरह की घटना नहीं घटी। आसपास के इलाके में आकाशीय बिजली तो गिरी, लेकिन कोई जन-धन हानि नहीं हुई। शुक्रवार को जिस जगह घटना घटी, उससे कुछ दूरी पर बीएसएनएल का टावर लगा हुआ है। यदि इस पर तड़ित चालक यंत्र लगा होता, तो यह गाज को अपनी ओर खींच लेता।

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डोंगराकलाँ में भी गिरी गाज, युवक अचेत

तहसील पाली अन्तर्गत ग्राम डोंगराकलाँ में भी शुक्रवार की सुबह करीब 9 बजे आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी धमक से अपने खेत पर फसल की रखवाली कर रहा महादेव कुशवाहा (45) पुत्र परमू बेहोश हो गया। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। वहीं गाँव में हुरया मोहल्ले में भी आकाशीय बिजली की धमक से एक ग्रामीण अचेत हो गया था। उसका भी उपचार कराया गया।

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'जागरण' ने शुरू की तड़ित चालक लगवाये जाने की मुहिम

गाँव-गाँव में हो रहे इस तरह के हादसों पर रोक लगाने के उद्देश्य से 'दैनिक जागरण' ने तड़ित चालक लगवाये जाने की मुहिम शुरू की है। इसके तहत शासन-प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों का भी ध्यान आकर्षित कराया जा रहा है, ताकि वे गाँव के प्रमुख स्थानों, पंचायत भवन, मोबाइल टावर व ऊँची इमारतों पर तड़ित चालक लगवाने के लिए आगे आये। इसे विडम्बना कहे या जनपद का दुर्भाग्य कि अप्रैल, मई की भीषण गर्मी हो या फिर दिसम्बर, जनवरी की हाड़ कपा देने वाली ठण्ड या फिर जुलाई-अगस्त की मूसलाधार बारिश, इन सभी माह में आकाशीय बिजली ने खूब कहर ढाया। आज स्थिति यह है कि आकाशीय बिजली जनपद की एक बड़ी आपदा बन गयी है। जिसमें न केवल जन-धन की हानि हो रही है, बल्कि मूक पशु भी इसकी भेंट चढ़ रहे है। आखिर यह सिलसिला कब थमेगा?


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