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किसान महापंचायत में गरजे धरतीपुत्र

ललितपुर ब्यूरो : कस्बा बिरधा स्थित किसान हाउस में आयोजित किसान महापंचायत में बीमा क्लेम दिलाये जाने

By Edited By: Published: Sat, 21 May 2016 01:48 AM (IST)Updated: Sat, 21 May 2016 01:48 AM (IST)
किसान महापंचायत में गरजे धरतीपुत्र

ललितपुर ब्यूरो : कस्बा बिरधा स्थित किसान हाउस में आयोजित किसान महापंचायत में बीमा क्लेम दिलाये जाने के साथ-साथ विभिन्न माँगों को लेकर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया। इस मौके पर किसानों ने 9 सूत्रीय माँगों के सम्बन्ध में खण्ड विकास अधिकारी बिरधा ज्योति कौशिक को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगायी। किसानों ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की मार ने उनकी कमर तोड़कर रख दी है। ऐसे में यदि शासन से राहत राशि व सुविधायें नहीं मिली, तो धरतीपुत्र धरती में मिल जायेंगे।

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किसान हाउस में प्रात: से ही दूर-दूर से किसानों का आना शुरू हो गया था। किसानों ने धरना प्रदर्शन व नारेबाजी कर बीमा क्लेम में हो रही गड़बड़ी पर आक्रोश जताया। महापंचायत में किसानों ने कहा कि बीते तीन वर्षो से किसान प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलते चले आ रहे है, जिससे वे आज भुखमरी की कगार पर है। किसानों के साथ तरह-तरह से छल किया जा रहा है। बीमा राशि की सूची में किसानों का नाम शामिल नहीं किया गया। कई किसान अभी भी भटक रहे है। बैंककर्मियों का रवैया भी ठीक नहीं है। कस्बा बिरधा में ऐसे दर्जनों किसान है, जिन्हे न तो राहत राशि मिली और न ही बीमा सुविधा की सूची में ही उनका नाम है। उन्होंने हुंकार भरते हुए कहा कि किसानों का उत्पीड़न व शोषण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। किसानों ने कहा कि कभी ओलावृष्टि किसानों के अरमानों पर पानी फेर देती है, तो कभी सूखे की मार से किसान जमींदोज हो जाते है। कम पैदावार, सूखा व कर्ज के बोझ तले दबे किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। वहीं प्राकृतिक आपदाओं की मार से किसानों का पलायन भी हो रहा है। गाँव के गाँव खाली हो रहे है। अपने खेतों में पसीना बहाकर सोना उगाने वाले किसान आज दो वक्त की रोटी की खातिर बड़े शहरों में दर-दर की ठोंकरे खाते घूम रहे है। खण्ड विकास अधिकारी को सौंपे ज्ञापन में किसानों ने बताया कि वर्ष 2015-16 में किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों का बीमा प्रीमियम काटा गया था, जिसका क्लेम अब तक नहीं मिला। अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, राहत राशि के चेक अब तक विकास खण्ड के कई गाँव में नहीं बाँटे गये। किसानों को आगामी फसलों के लिए खाद, बीज, कीटनाशक दवाओं का प्रबन्ध कराया जाये, कई वर्षो से जिले में उर्दा की फसल में मैजिक पीला रोग हो जाता है, इसके बचाव के उपाय किये जायें। सूखा राहत की राशि किसानों के खाते में भेजी जाये। कृषि से सम्बन्धित सभी बिल माफ किये जायें। बैंकों की वसूली पर रोक लगायी जाये। टयूबवेलों के विद्युत बिल माफ किये जायें। जाखलौन पम्प कैनाल को पाली, बिरधा व खितवाँस तक बढ़ाया जाये। 9 सूत्रीय ज्ञापन देते वक्त किसानों ने ऐलान किया कि यदि जल्द ही मागे नहीं मानी गयी, तो 7 जून को जिला मुख्यालय पर उग्र धरना प्रदर्शन किया जायेगा। ज्ञापन पर किसान नेता सुरेश टोंटे, सुरेश कौंते, मण्डल उपाध्यक्ष बाबा कीरत सिंह, रजीत सिंह, प्रकाश नारायण कुशवाहा, बृजेश साहू, अखिलेश पाराशर, रूपलाल कुशवाहा, शोभाराम, शीलचन्द्र कुशवाहा, कन्हैयालाल, महेश कुशवाहा, बलराम अहिरवार, अरविन्द कुमार अहिरवार, काशीराम साहू, कृष्णकुमार, राममिलन, बाबूलाल साहू, छोटेलाल, किशोरीलाल, लक्ष्मीनारायण कुशवाहा, संतोष रजक, प्यारेलाल, जूजू, ऊदल सिंह, ओमप्रकाश, रोशन, कालूराम आदि के हस्ताक्षर थे।


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