खुले रहे विद्यालय, ठिठुरते हुये स्कूल पहुँचे नौनिहाल
ललितपुर ब्यूरो : कड़कड़ाती ठण्ड और जबरदस्त शीतलहर से बच्चों को बचाने के लिय जिलाधिकारी ने 23 जनवरी
ललितपुर ब्यूरो :
कड़कड़ाती ठण्ड और जबरदस्त शीतलहर से बच्चों को बचाने के लिय जिलाधिकारी ने 23 जनवरी तक कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों का अवकाश घोषित किया है। डीएम के आदेश का अधिकाँश विद्यालयों ने तो पालन किया जबकि कुछेक विद्यालयों के प्रबंधकों ने जिलाधिकारी के आदेश को मानने से इकार कर दिया। शुक्रवार 22 जनवरी को कुछ विद्यालयों में बच्चों की कक्षायें संचालित की गई, जबकि कुछ विद्यालयों में बच्चे तो पहुचे लेकिन उन्हे लौटा दिया गया।
विगत एक सप्ताह से ठण्ड का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। सर्द हवाओं और जबरदस्त ठण्ड के चलते जिलाधिकारी डॉ. रूपेश कुमार ने पहले 19 से 21 जनवरी तक कक्षा 1 से 8वीं तक के समस्त परिषदीय एवं अन्य सभी बोर्डो से मान्यता प्राप्त कक्षा 1 से 8वीं तक के विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की छुट्टियाँ कर दी थीं। ठण्ड का असर जारी रहा तो उन्होंने बच्चों का अवकाश दो दिन और बढ़ा दिया। लिहाजा 22 व 23 को भी बच्चों की छुट्टी कर दी गई। डीएम के आदेश के क्रम में बीएसए ने भी समाचार पत्रों के माध्यम से बच्चों अवकाश की सूचना दे दी कि अवकाश की अवधि में विद्यालय रोजाना की तरह खुलेंगे और शिक्षिक-शिक्षिकायें कार्यालयीन कामकाज निपटायेंगे। डीएम के स्पष्ट आदेश के बावजूद भी मुहल्ला आजादपुरा स्थित सरस्वती ज्ञान मंदिर जूनियर हाईस्कूल में बच्चों कीं रोजाना की तरह कक्षायें संचालित की गई। बच्चे ठण्ड से ठिठुरते हुये स्कूल पहुचे। बड़ी बात तो यह है कि डीएम के आदेश का पालन कराने के लिये विभागीय अफसर भी नजर नहीं आये। नगर क्षेत्र में तो अनेक बच्चे सुबह-सुबह ठिठुरते हुये विद्यालय तो जा रहे थे, लेकिन नगर शिक्षा अधिकारी ने डीएम के आदेशों का पालन कराने की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने समझ लिया कि अखबार में समाचार प्रकाशित हो गया, लिहाजा डीएम के आदेश पर अमल भी हो ही गया होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कई विद्यालयों में कक्षायें संचालित होती रहीं। हालाँकि अधिकाँश विद्यालयों में बच्चों को वापस घर भेज दिया, लेकिन सवाल यह उठता है कि कुछ निजी विद्यालय जो बार-बार डीएम के आदेश का उल्लंघन कर रहे है उनके खिलाफ कार्यवाही करने का साहस विभाग क्यों नहीं उठाता।
::
बॉक्स
::
बच्चे बोले थैंक्स डीएम अंकल
ललितपुर: बच्चों की उम्र ही ऐसी होती है कि उन्हे पढ़ने से ज्यादा खेलने-कूदने में मजा आता है। यही वजह है कि ठण्ड के कहर को देखते ही जैसे ही जिलाधिकारी ने अवकाश की घोषणा की और शुक्रवार की सुबह जब बच्चे विद्यालय पहुँचे तो उन्हे यह कहकर घर रवाना कर दिया कि डीएम ने उनकी छुट्टी कर दी है। यह सुनकर विद्यार्थी बोले थैंक्स डीएम अंकल।