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किसानों की हिमायत में फिर आई भाकियू

ललितपुर ब्यूरो: किसानों की लम्बित समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन फिर आवाज उठाई। कलेक्टरेट प

By Edited By: Published: Sat, 03 Oct 2015 01:24 AM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2015 01:24 AM (IST)
किसानों की हिमायत में फिर आई भाकियू

ललितपुर ब्यूरो:

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किसानों की लम्बित समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन फिर आवाज उठाई। कलेक्टरेट पहुँचकर नारेबाजी की और प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी डॉ.रूपेश कुमार को सौंपा। इस दौरान दस सूत्रीय भूमि अधिग्रहण बिल, किसानों को उचित लाभकारी मूल्य, शाँता कुमार की शिफारिश नामंजूर करने, किसानों का कर्ज माफ करने, आपदाओं से निपटने के लिए केन्द्रीय नीति बनाने। किसानों की न्यूनतम आमदनी तय करने, जैव परिवर्तित फसल पर रोक लगाने, गन्ना किसानों का भुगतान कराने, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से दूर रखने और किसानों की समस्याओं को लेकर वार्ता हेतु समय निर्धारित करने आदि मुद्दे उठाए गए।

भारतीय किसान यूनियन का प्रतिनिधि मण्डल जिलाध्यक्ष लाखन सिंह पटेल व जिला महामंत्री कीरत सिंह की अगुवाई में शुक्रवार को जिलाधिकारी से मिला। जिलाधिकारी से जिले के किसानों की विविध समस्याओं पर चर्चा की गई और प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया। इसमें प्रधानमंत्री से माँग की गई कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश बिल रद्द किया जाए। किसानों को चार गुना मुआवजा दिया जाए। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने किसानों को वायदा किया था कि किसानों को उचित व लाभकारी मूल्य दिया जाएगा, लेकिन अब इस सम्बन्ध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। किसानों को उत्पादन लागत में 50 फीसदी जोड़कर स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक मूल्य दिया जाए। शाँता कुमार कमिटि की सिफारिश रद्द किया जाए। उक्त सिफारिश पूर्णत: किसान विरोधी है। किसानों का कर्ज माफ किया जाए। लगातार नष्ट हो रही फसल के चलते किसान कंगाली के कगार पर है। उसके आगे परिवार का भरण-पोषण की समस्याएं है। किसानों को मुआवजा वितरण के सब्जबाग दिखाए गए, पर अब तक रबी फसल का भी मुआवजा नहीं मिला है। देश में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए केन्द्रीय नीति बनाई जाए। इसके लिए आकस्मिक फण्ड की व्यवस्था की जाए। मुआवजा वितरण के लिए राज्य को राशि उपलब्ध कराई जाए।

यह भी माँग उठाई गई कि किसानों को न्यूनतम आमदनी तय की जाए। इसके लिए किसान आयोग का गठन किया जाए। इसमें सुनिश्चित किया जाए कि एक किसान परिवार की आमदनी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से कम न हो। भाजपा ने यह भी वायदा किया था कि जैव परिवर्तित फसल पर रोक लगाई जाएगी। परिवर्तित बीज, फसल व पौधों पर पूर्णत: प्रतिबन्ध लगाने का वायदा अब तक नहीं निभाया गया है। इस वायदे को किसान हित में निभाया जाए और जैव परिवर्तित सरसों के विकास व बढ़ावा कार्यक्रम की अनुदान राशि बंद की जाए। गन्ना किसानों का भुगतान कराया जाए। राज्य में पिछले दो वर्ष से गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी नहीं हुई है, अत: गन्ना के दाम बढ़ाए जाएं। कृषि को विश्व व्यापार संगठन से दूर रखा जाए। कृषि आयात पर रोक लगाई जाए। नेरोगी में होने वाली मंत्री स्तरीय बैठक में खाद्य सुरक्षा मुद्दे का स्थाई हल खोजा जाए। किसानों की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए किसान प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता के लिए वार्ता टाइम निश्चित किए जाने की माँग भी प्रमुखता से उठाई गई। प्रतिनिधि मण्डल में लाखन सिंह पटेल, कीरत सिंह के अलावा राजपाल यादव, मर्दन सिंह यादव, धनीराम यादव, सत्यप्रताप सिंह परमार शामिल रहे।


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