जर्जर पाइप लाइन के सहारे पेयजल आपूर्ति
ललितपुर ब्यूरो : शहर की पेयजल व्यवस्था जर्जर पाइप लाइन के सहारे संचालित हो रही है। इससे एक ओर जहा
ललितपुर ब्यूरो :
शहर की पेयजल व्यवस्था जर्जर पाइप लाइन के सहारे संचालित हो रही है। इससे एक ओर जहाँ जगह-जगह लीकेज की समस्या बनी हुई है। वहीं पानी को प्रदूषित कर बीमारियों को आमंत्रण दे रहा है। यदि कहा जाए कि शहर को शुद्ध पेयजल आपूर्ति दूर की कौंड़ी साबित हो रहा है।
पेयजल आपूर्ति कराने के लिए शहर में वर्षाे पहले पाइप लाइन का जाल बिछाया गया था। जिसमें जगह-जगह लीकेज होने के कारण प्रतिदिन हजारों लिटर शुद्ध पेयजल नालियों में बहकर बरबाद हो रहा है। वहीं दूसरी ओर पाइप लाइन में गंदगी पहुँचने से पेयजल दूषित हो रहा है। विभागीय अधिकारियों द्वारा जब तब पानी की जाँच के दावे तो किए जाते है, लेकिन सच्चाई इसके उलट है। माह की शुरूआत में ही जिलाधिकारी ने शहर की पेयजल आपूर्ति निर्बाध रूप से सुचारू करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। इसके बावजूद विभाग चैन की बंसी बजा रहा है। पेयजल आपूर्ति के समय यदि शहर का मुआयना किया जाए, तो जगह-जगह ऐसे लीकेज सामने नजर आ जाएंगे, जिनसे हजारों लिटर पानी सड़कों पर बरबाद होता नजर आ जाएगा। एक ओर जहाँ शहर के कई मोहल्लों में बूँद-बूँद पानी को तरस रहे है, वहीं टौंटी विहीन नलों से भी पानी की बरबादी हो रही है। पाइप लाइन की चालू करने के लिए लाइनमेन अपनी जिम्मेदारी ठीक से निर्वहन नहीं कर रहे है। कायदे से लाइन मेन को विभागीय अफसरों को सूचना देकर लीकेज ठीक कराना चाहिए, लेकिन लाइनमेन अपने अधिकारियों को अंधेरे में रखे हुए है।
सबसे ज्यादा लीकेज की समस्या नई बस्ती में है। यहाँ मनमोहन चौबे के मकान के पास, शमशान घाट मार्ग के अलावा कई स्थानों पर टूटी पाइप लाइन से पानी बरबाद हो रहा है। वहीं सदनशाह केके नर्सिग होम के सामने, महावीरपुरा आदि शहर के कई स्थानों पर लीकेज की समस्या बनी हुई है। जर्जर व टूटी पाइप लाइन से नालियों का गंदा पानी लाइन में प्रवेश कर पानी को प्रदूषित करता है। इससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लोगों में जल संस्थान के खिलाफ असंतोष पनप रहा है।