'साहब, नहीं हुआ था मेरा अपहरण'
ललितपुर ब्यूरो :बीते 10 वर्ष से लापता एक युवक के मामले में एक सप्ताह पूर्व दर्ज कराये गये कथित अपहरण के मुकदमे में नया मोड़ आ गया है। कोतवाली पहुँचे कथित अपहृत युवक ने पुलिस को हकीकत बताते हुए खुद के अपहरण न होने की बात बतायी। युवक ने पुलिस को बताया कि वह कानपुर में 10 वर्ष से मजदूरी कर रहा है। उसके पिता ने ही मनगढ़न्त तरीके से अपहरण की झूठी साजिश रची थी। अपहृत युवक के सकुशल मिल जाने पर कोतवाली पुलिस ने राहत की साँस ली।
बताते चलें कि कोतवाली अन्तर्गत शहर के मोहल्ला आजादपुरा लेंड़ियापुरा निवासी वृद्ध बल्ले पुत्र सरू अहिरवार ने कुछ महीने पूर्व मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट को दिये प्रार्थना पत्र में बताया था कि 10 वर्ष पूर्व कोतवाली अन्तर्गत कृष्णा टॉकीज के पीछे निवासी लक्ष्मी कुशवाहा पत्नी कमल कुशवाहा, राजेन्द्र कोरी पुत्र अर्जुन कोरी निवासी मोहल्ला वंशीपुरा व कमल कुशवाहा निवासी गोविन्दनगर थाना वाली गली कानपुर नगर उसके पुत्र मंगल को नौकरी लगवाने का झाँसा देकर अपने साथ कानपुर ले गये। जहाँ सभी आरोपियों ने मंगल से नौकरी लगवाने के नाम पर एक लाख रुपये ले लिए और उसका अपहरण कर गायब कर दिया। न्यायालय के आदेश पर 20 जुलाई को कोतवाली पुलिस ने लक्ष्मी कुशवाहा, राजेन्द्र कोरी व कमल कुशवाहा के खिलाफ धारा 364, 420, 406 के तहत मामला दर्ज कर लिया। इसी के साथ ही मामले की पड़ताल करने में जुट गयी थी। पुलिस ने आरोपियों की तलाश में छापामारी भी तेज कर दी। इसी बीच नामजद तथाकथित आरोपी राजेन्द्र जो मंगल का दोस्त है, उसने कानपुर में थाना वाली गली में किराये से रह रहे मंगल को खोज लिया और फोन करके जानकारी देकर मुकदमा लिखे जाने की बात बताते हुए 24 जुलाई को ललितपुर बुलवा लिया। ललितपुर आकर राजेन्द्र ने मंगल को उसके पिता द्वारा ही झूठा फंसाये जाने की बात बतायी। इससे मंगल के भी होश उड़ गये। उसने कोतवाली जाकर प्रभारी निरीक्षक मंगला प्रसाद तिवारी से मुलाकात की और अपने पिता पर ही कई गम्भीर आरोप लगाते हुए खुद के अपहरण की झूठी साजिश रचने का आरोप लगाया। मंगल ने बताया कि पिता की इन्हीं हरकतों के कारण ही 10 वर्ष पूर्व वह कानपुर चला गया था। जहाँ वह प्लम्बर व अन्य मजदूरी का कार्य करता है। मंगल ने पुलिस को कई और कड़वी सच्चाइयाँ भी बतायी। फिलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
दो वर्ष पूर्व लगाया था हत्या का आरोप
ललितपुर: अपने ही अपहरण की मनगड़न्त कहानी का पर्दाफाश करते हुए मंगल ने बताया कि दो वर्ष पूर्व उसके पिता ने विपक्षियों पर पुत्र की हत्या कर शव गायब करने का आरोप लगाते हुए 18 जून 2012 को कोतवाली प्रभारी निरीक्षक को प्रार्थना पत्र सौंपा था। इस मामले में 26 जुलाई 2012 को उसने कोतवाली आकर खुद के जीवित होने का प्रमाण देते हुए पिता के हत्या के आरोप को खुद ही नकार दिया था। उसने बताया कि उसकी शादी 6 वर्ष पूर्व थाना जाखलौन अन्तर्गत ग्राम जीरोंन निवासी एक युवती से हुयी थी। शादी के कुछ दिन बाद ही पिता ने उसकी पत्नी पर चोरी का आरोप लगाते हुए घर से निकाल दिया था। फलस्वरूप पत्नी ने न्यायालय में उसके खिलाफ मुकदमा दायर कर अलग रहने लगी थी। उसने अपने पिता पर अन्य कई गम्भीर आरोप लगाते हुए पुलिस से अपहरण के मुकदमे को खारिज करने की गुहार लगायी। फिलहाल यह घटना चर्चा का विषय बनी हुयी है।