कीटनाशक की कालाबाजारी पर लगेगी लगाम
0 डीडी कृषि ने छापामारी को दिये निर्देश
ललितपुर ब्यूरो :
जनपद में हो रही लगातार बारिश से खरीफ की फसल बचाने के लिए कीटनाशकों की खरपतवार नाशी दवाओं की भी माँग बढ़ गयी है। वर्तमान में सरकारी गोदामों में पर्याप्त मात्रा में यह दवा मौजूद नहीं है, जबकि बाजार में इस दवा की पर्याप्त उपलब्धता है। इस खरपतवारनाशी दवा की कालाबाजारी रोकने के लिए उपकृषि निदेशक ने कृषि रक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर समय-समय पर छापामारी अभियान चलाने के आदेश दिये।
खरीफ की फसल में किसानों को सबसे ज्यादा खरपतवार परेशान करती है। यह खरीफ की फसल को तो नुकसान पहुँचाती ही है, साथ ही फसल को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों की भी शरणस्थली बनती है। वर्तमान में कृषि विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में खरपतवारनाशी दवा उपलब्ध नहीं है। सरकारी गोदामों पर खरपतवारनाशी टूफोर-डी 163 किलोग्राम एवं स्माँजी थापर 500 लिटर ही उपलब्ध है, जबकि बाजार में खरपतवारनाशी दवा की उपलब्धता 60 से 70 हजार लिटर है। यही नहीं कीटनाशक दवाइयाँ भी सरकारी गोदाम पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। वर्तमान में कृषि विभाग की गोदामों में कीटनाशक दवाइयों में डाईमैपेड 3500 लिटर, क्यूनालफॉस 100 लिटर, डाईक्लोरोफॉस 100 लिटर, थीरम 300 लिटर, मैन्कोजैव 50 किलोग्राम उपलब्ध है। बाजार में उपलब्ध खरपतवारनाशी एवं कीटनाशक दवाइयों की कालाबाजारी न हो सके। इस सम्बन्ध में उपकृषि निदेशक हसराज ने कृषि रक्षा अधिकारी को लिखे पत्र में निर्देशित यिका कि एक टीम गठित करे, जो समय-समय पर छापामारी अभियान चलायें। जिससे कि कालाबाजारी पर लगाम लगायी जा सके।