कटान तेज होने से घाट के ठेकेदारों में हड़कंप
लखीमपुर : भारत-नेपाल सीमा पर पड़ने वाले भारतीय घाटों पर मोहाना नदी का कटान तेज हो गया है, जिससे घाट ठेकेदारों में हड़कंप मचा हुआ है। ठेकेदारों ने इसकी सूचना प्रशासन को देकर बचाव कार्य शुरू कराने की माग की है। मोहाना नदी घाटों पर एक दिन में पंद्रह से बीस फुट भूमि काटकर तबाही मचाए हुए है। इधर भारतीय गांवों में भी मोहाना नदी की कटान जारी है। इससे सीमाई जनता में हाहाकार मचा हुआ है।
सीमा पर मोहाना नदी की कटान भीषण रूप लेती जा रही है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित चौगुर्जी घाट पर मोहाना नदी ने तेज कटान शुरू कर दिया है। इससे घाट ठेकेदार में हड़कंप मच गया है। घाट ठेकेदार राम नारायण ने बताया कि मोहाना नदी घाट पर एक दिन में पंद्रह से बीस फुट भूमि काटकर लीलती जा रही है। ठेकेदार ने बताया कि पिछले वर्ष मोहाना नदी घाट से एक किलोमीटर दूर बहती थी, परंतु लगातार हो रहे कटान से नदी भारतीय सीमा के काफी अंदर आ चुकी है। इसकी सूचना उन्होंने प्रशासन को दे दी है। ठेकेदार ने बताया कि घाट के अलावा मोहाना नदी का पश्चिम की तरफ तेजी से भूमि कटान जारी है। इस कारण ग्राम उमेशनगर के अलावा ग्राम टाडा, रामनगर, मुझहा, रघुनंदनपुरवा आदि गांवों पर खतरा बना हुआ है। ठेकेदार ने बताया कि जिस प्रकार मोहाना नदी की कटान ने तबाही मचा रखी है उससे ग्राम बनवीरपुर पर भी कटान का खतरा बढ़ सकता है। इधर मोहाना नदी ने ग्राम उमेशनगर में भूमि कटान से हड़कंप मचा रखा है। बताते चलें कि उमेशनगर में इस गंाव के निवासियों के अलावा ग्राम टाडा, बरसोला कला आदि गांवों के ग्रामीणों की भी भूमि पड़ती है जो कटान का शिकार होने से यहा के लोगों में भी मायूसी बनी हुई है। विडंबना की बात तो यह है कि लगातार जारी मोहाना नदी का कहर भी भारतीय अफसरों को नींद से नहीं जगा पा रहा है। गांव के गांव नदी कटान में समाते जा रहे है, परंतु बचाव कार्य नहीं किये जा रहे हैं। आखिर शासन प्रशासन नींद से कब जागेगा। जिस प्रकार मोहाना नदी का कटान रूपी कहर मच रहा है उससे सीमा पर स्थित कोई भी गांव सुरक्षित नहीं है। कटान से स्थिति बेकाबू होती जा रही है। मोहाना नदी की कटान से तिकुनिया मंडी में भी दहशत मची हुई है। जब गांव के गंाव ही नदी में समा रहे है तो तिकुनिया की तरफ बढ़ रही मोहाना नदी के चलते तिकुनिया वासियों में हड़कंप मचना लाजिमी है।