..तो फर्जीवाड़ा कर संस्थापक चेयरमैन ने ही बैंक से निकाली रकम
-निदेशक ने खुलासा होने पर कोतवाली सदर में दी तहरीर संसू, लखीमपुर: भारत सरकार के
-निदेशक ने खुलासा होने पर कोतवाली सदर में दी तहरीर
संसू, लखीमपुर: भारत सरकार के उपक्रम जन शिक्षण संस्थान के विकास निधि के बैंक खाते में फर्जीवाड़ा करके 6.30 लाख रुपये संस्थापक चेयरमैन ने निकाल लिए। इस बात की जानकारी होने पर निदेशक एम कमरुल हसन बैंक पहुंचे तो पता चला कि उनके हस्ताक्षर ही बदलवा दिए गए हैं। इसपर उन्होंने तत्काल भारत सरकार के सचिव जी साजिद कुमार को मामले की जानकारी दी। उन्होंने बैंक में भुगतान रोकवाने और निकाले गए भुगतान की रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
आरोप है कि संस्थापक चेयरमैन डॉ. एमएम खान की नजर संस्थान के रुपयों पर पहले से थी। इसे निकालने का दबाव पिछले एक साल से बना रहे थे। जिसे संस्थान के निदेशक एमकमरुल हसन ने मना कर दिया था। निदेशक के अवकाश पर जाने के दौरान लखीमपुर पहुंचे संस्थापक चेयरमैन ने फर्जी आरोप पत्र तैयार कर 12 जुलाई को संस्थान के निदेशक को निलंबित कर दिया। उन्होंने संस्थान के इलाहाबाद बैंक मुख्य शाखा में स्थित विकास निधि के खाते समेत अन्य खातों में निदेशक के हस्ताक्षर प्रतिबंधित कराते हुए अपने हस्ताक्षर दे दिए। यहां तक कि निदेशक के भी फर्जी हस्ताक्षर बना लिए। बैंक से पासबुक भी हासिल कर ली। विकास निधि के खाते से 6.30 लाख रुपये दो बार में निकालने के लिए चेक लगाई थी। इस दौरान जानकारी होने पर निदेशक के प्रयासों से बैंक ने पांच लाख रुपये का भुगतान रोकवा दिया है। जबकि एक लाख 30 हजार रुपये संस्थापक चेयरमैन ने निकाल लिए हैं। इधर इस बात की जानकारी जब संस्थापक चेयरमैन को हुई तो उन्होंने आनन-फानन में 20 जुलाई को एक पत्र जारी कर निदेशक जन शिक्षण संस्थान को यह कहकर बहाल कर दिया कि जांच में सारे आरोप निराधार मिले। जबकि इस बावत में निदेशक डॉ. एमएम खान का कहना है कि संस्थापक चेयरमैन का कार्यकाल एक वर्ष पहले ही खत्म हो चुका है। चेयरमैन को किसी डायरेक्टर को हटाने का कोई अधिकार नहीं है। उनके द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोतवाली पुलिस को तहरीर दी गई है। पुलिस ने अभी तक रिपोर्ट नहीं दर्ज की है। कोतवाली प्रभारी का कहना है कि मामले की जांचकर एफआइआर दर्ज की जाएगी।