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स्लाटर हाउस पर भी थी भू-माफिया की नजर

खीरीटाउन (लखीमपुर) : कस्बा खीरी के 81 साल पुराने स्लाटर हाउस पर ताला लगते ही सैकड़ों परिवारों के सामन

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Mar 2017 10:26 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2017 10:26 PM (IST)
स्लाटर हाउस पर भी थी भू-माफिया की नजर

खीरीटाउन (लखीमपुर) : कस्बा खीरी के 81 साल पुराने स्लाटर हाउस पर ताला लगते ही सैकड़ों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। स्लाटर हाउस के बंद होते ही नगर पंचायत की लापरवाही की परतें खुलती जा रही हैं। मंगलवार को बंदी के समय जब नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी से स्लाटर हाउस की मिल्कियत के पेपर तलब किए गए तो बगले झांकते नजर आए। कोई भी अभिलेख नहीं दिखा पाए। वहीं दूसरी तरफ स्लाटर हाउस के चार साल पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जब बंदी के आदेश दिए थे। उस समय से ही स्लाटर हाउस की बेशकीमती जमीन पर निगाहें टिक गई थी और जमीन को हथियाने की जुगाड़ में जुट गए थे 81 सालों के बाद भी स्लाटर हाउस नगर पंचायत की मिल्कियत नहीं बन सका भूमाफिया ने अभिलेख खंगालना शुरू कर दिया और पूर्व जमीदार जुबेदा खातून के वंशजों को तलाश कर बैनामा करा लिया। इसके चलते आधुनिकीकरण की फाइल दब गई। भूमाफिया अपने मकसद में कामयाब न होते देख अब तक तीन बार पलटा भी कर चुके हैं। मंगलवार को स्लाटर हाउस के बंद होते ही भूमाफिया एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। उधर मांस का कारोबार करने वाले अपनी रोजी-रोटी को लेकर काफी परेशान हैं और स्लाटर हाउस को दोबारा शुरू कराने के लिए जुगत में जुट गए हैं। मांस का कारोबार करने वालों का कहना हैं चार साल पहले जब बंदी का आदेश दिया गया और आधुनिक स्लाटर हाउस बनाने के आदेश दिए गए, लेकिन उन्हें अंधेरे में रखा गया। उधर दूसरी तरफ मांस के कारोबारी प्रशासन अधिकारियों से लेकर न्यायालय तक की चौखट पर दस्तक देने की कवायद में जुट गए। इसके लिए बैठकों का सिलसिला जारी है।

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फर्जी पत्र देकर ईओ ने किया गुमराह

खीरीटाउन : कस्बे के स्लाटर हाउस के बंद होने के समय मांस का कारोबार करने वालों ने विरोध जताया और नगर पंचायत पर अंधेरे में रखने का आरोप लगाया। उस समय मौके पर मौजूद नगर पंचायत के ईओ ने एक आधे कागज के टुकड़े पर छह माह में एनओसी लेकर पुन: शुरू करने की तहरीर लिखकर एक कागज दे दिया उस पत्र पर न तो कोई पत्रांक पड़ा है न ही कोई मोहर लगी है। न ही नगर पंचायत के पैड पर है। बंद करते समय भी नगर पंचायत के ईओ ने गुमराह किया। ईओ नगर पंचायत दिनेश मिश्रा ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।


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