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नहीं सुधरे हालात, जगह-जगह हंगामा

लखीमपुर : एक माह बाद भी बैंकों के हालात नहीं सुधरे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की दूर दराज बैंकों में नकद

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 09:55 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 09:55 PM (IST)

लखीमपुर : एक माह बाद भी बैंकों के हालात नहीं सुधरे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की दूर दराज बैंकों में नकदी नहीं पहुंच पा रही हैं। सुबह से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण अपनी जरूरतों के लिए पैसा निकालने के लिए लाइन लगा रहे हैं। उन्हें जरूरत के मुताबिक भुगतान नहीं मिल पा रहा। कभी एक हजार तो कभी दो हजार का भुगतान ही बैंकों से मिलता है। परेशान ग्रामीणों में अब गुस्सा पनपने लगा है। यह गुस्सा अब बैंक कर्मियों पर उतर रहा है। गुरुवार को ही ग्रामीण क्षेत्रों की कई बैंकों में आक्रोशित ग्रामीणों ने हंगामा किया। गुरुवार को स्टेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक समेत विभिन्न बैंकों में कैश की किल्लत रही। गुरुवार को एटीएम पर लंबी लाइनें लगी रहीं। एटीएम में पैसा न होने के कारण चंद मिनटों में ही लोगों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। कुछ स्थानों पर गुरुवार को भी परेशान खाता धारकों ने हंगामा किया। जिला सहकारी बैंक समेत कुछ बैंकों में तीन-तीन हजार रुपये के भुगतान खाताधारकों को किए गए। लीड बैंक मैनेजर एके द्विवेदी का कहना है कि करेंसी नहीं मिल पा रही है। इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक में पेंशनर्स और वेतनों के खाते हैं। बैंक में रुपये न होने के कारण लोगों को पैसा नहीं मिल पा रहा है।

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सुबह से वाट्सएप पर भ्रामक खबर हुई वायरल

-गुरुवार को इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक पड़रिया तुला में एक खातेदार के बचत खाते में एक रुपये कम एक अरब की धनराशि जमा होने की खबर दिन भर वायरल हुई। मीडिया समेत तमाम लोग इस खबर की पुष्टि में लगे रहे। इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक एके गुप्ता ने खबर को निराधार और भ्रामक बताया। बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में इसको लेकर कई फोन पहुंचे।

ग्राहकों को कराया नाश्ता

मूड़ासवारान : कस्बे की इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक में लाइनों को देखकर परेशान लोगों को जिला पंचायत सदस्य पति बिट्टू ¨सह ने लोगों को नाश्ता कराया। इस दौरान यशपाल ¨सह, रमाकांत मिश्रा, आसिम बंगाली, बिलाल सिद्दीकी आदि लोग मौजूद रहे।

खाताधारकों ने भुगतान न मिलने पर किया हंगामा

खजुरिया : भुगतान न मिलने से गुस्साये खाता धारकों ने बैंक पर हंगामा किया तथा भुगतान की मांग की। गुरुवार को खजुरिया के जिला सहकारी बैंक खुलते ही गेट पर चस्पा किये गये नोटिस को देख कर खाताधारक भड़क गए और हंगामा करने लगे। हंगामा कर रहे खाताधारकों ने बताया कि एक सप्ताह से बैंक गेट पर बैंक द्वारा एक नोटिस चस्पा किया गया है जिसमें लिखा है कि बैंक में कैश नहीं है अत: भुगतान नहीं होगा। खाताधारक प्रतिदिन भुगतान लेने बैंक पहुंचते हैं और शाम तक कैश आने का इंतजार करके शाम को बैरंग वापस चले जाते हैं। हंगामा कर रहे किसान अमरनाथ ¨सह, प्रभुनाथ राय, मुनीर अंसारी, सुदर्शन ¨सह, ओरी और सुलेमान आदि ने बताया कि भुगतान के अभाव में उनके गेहूं की बोआई नहीं हो रही है, खाद बीज तथा घरेलू खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। उनका पैसा बैंक में जमा है परंतु बैंक द्वारा उनके जमा

पैसों को नहीं दिया जा रहा है। बैंक के शाखा प्रबंधक गुलाब चंद्र ने बताया कि एक सप्ताह से वे रोज कैश के लिए जिला मुख्यालय और अन्य बैंकों का चक्कर काट रहे हैं परंतु उन्हें कही से भुगतान नहीं मिल रहा है।

अमीरनगर : नगर में अलग-अलग जगहों पर लगे एटीएम इस समय पर सिर्फ दिखावा साबित हो रहे हैं।

इससे जनता परेशान है। हर रोज लोग एटीएम परिसर के चक्कर लगाया करते हैं और बैक कर्मियों से बराबर संपर्क बनाए रखते हैं। वहीं खुले पड़े एटीएम धूल चाट रहे हैं।

बाजार और बैंक में नहीं ले रहे 10 के सिक्के

संवादसूत्र, संपूर्णानगर (लखीमपुर) : लीड बैंक मैनेजर एके द्विवेदी के बार-बार अपील के बाद भी दस रुपये के सिक्के न लेने के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। कुछ बैंके ही ग्राहकों को दस रुपये के सिक्के दे रहीं हैं वहीं कुछ बैंकों में दस रुपये के सिक्के को नकली बताकर मना किया जा रहा है। बैंकों के इस रवैय्ये से लोगों को न सिर्फ परेशानी हो रही है बल्कि उनमें रोष भी पनप रहा है। नोटबंदी को लेकर भले ही लोग पैसे के लिए परेशान हैं, लेकिन कालेधन के खिलाफ चलाए गए इस अभियान से उनमें गुस्सा नहीं है। संपूर्णानगर के अंतर्गत इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक शाखा बमनगर से लोगों को कैश में दस के सिक्के दिए गए थे। इन्हें लेकर लोग जब सामान लेने निकले तो सिक्कों को बजार से नकली बताकर नहीं लिया गया। किसान बल¨जदर ¨सह को बैंक से दस रुपयों के सिक्कों की थैली दी गई थी। इसे लेकर वे भी दुकान पर सामान लेने पहुंचे तो दुकानदार ने दस का सिक्का लेने से इनकार कर दिया। जब किसान बैंक ऑफ बड़ौदा गया तो बैंक कैशियर ने भी नकली बता जमा करने से इनकार कर दिया। इस संबंध में शाखा प्रबंधक सुमित ने कहा कि हमें पूरी तरह मालूम नहीं कि कौन सिक्का नकली है। नोटबंदी को लेकर जहां आम लोग बैंकों से कैश न मिलने से परेशान हैं। वहीं पर बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा सेमरी में दस रुपये के सिक्कों को नकली बता लोगों की और मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लोगों ने घरेलू खर्च के लिए बैंकों से लिए गए दस के रुपये के सिक्कों को वापस जमा करने पहुंच रहे हैं।


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