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'ये मुल्क शहीदों की चिताओं पर टिका है'

लखीमपुर : दशहरा मेला के सांस्कृतिक मंच पर 13वें दिन आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के विभिन्

By Edited By: Published: Thu, 27 Oct 2016 10:03 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2016 10:03 PM (IST)
'ये मुल्क शहीदों की चिताओं पर टिका है'

लखीमपुर : दशहरा मेला के सांस्कृतिक मंच पर 13वें दिन आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से आए कवियों ने अपनी रचनाएं पढ़ीं। मंच वीर रस अर्थात ओज को समर्पित रहा। श्रोता भारत मां की जय और वंदेमातरम के गगन भेदी नारे लगाते रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद अजय मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

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ईओ अवींद्र कुमार ने माल्यार्पण कर व पालिका अध्यक्ष डॉ. इरा श्रीवास्तव ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। गजेंद्र गजानन की अध्यक्षता में आयोजित सारस्वत कार्यक्रम का संचालन अशोक सुंदरानी ने किया। पद्मिनी शर्मा ने मां वाणी के चरणों में वंदना के पुष्प अर्पित किए। प्रथम ओजस्वी प्रस्तुति युवा कवि प्रख्यात मिश्र की रही, जिसमें उन्होंने कहा कि 'बजरंगी ने दानव के दल का फिर से संहार किया, तुमने अठारह मारे थे हमने अड़तीस को मार दिया।' मंच के नायक गौरव चौहान ने गर्जना करते हुए घोषणा की 'ना ही किसी मजहब के खुदाओं पे टिका है, ये मुल्क शहीदों की चिताओं पर टिका है।' भारत मां की जय बोलने का विरोध करने वालों को जवाब देते हुए अशोक सुंदरानी ने कहा 'भारत माता की जय सिर्फ वही लोग नहीं बोलते, जिनके खुद के मां बाप का कोई ठिकाना नहीं होता।' पद्मिनी शर्मा ने पढ़ा 'हंसते हुए बचपन का नगर छोड़ के आई, तेरे लिए मां बाप का घर छोड़ के आई।' आसू प्रिया ने खीरी के श्रोताओं को सराहा 'ता उम्र इसे रखूंगी दिल में सजाकर जो प्यार मुझे आपकी महफिल में मिला है।' सदाबहार गीतकार डॉ. विष्णु सक्सेना ने अपने गीतों से श्रोताओं के दिलों पर दस्तक दी। 'आपके नाम ने ही बंद हिचकियां कर दी, धूप के हाथ पर पानी की बदलियां रख दीं।' ओज के हिमालय वेदव्रत बाजपेई ने केंद्रीय नेतृत्व को भी सलाह दी 'सावधान रहना शरीफ की टेढ़ी-मेढ़ी चालों से, उससे भी ज्यादा खतरा है घर के देश दलालों से, फूल चढ़ाने चले न जाना फिर जिन्ना के चरणों में, एक मिनट में गिर जाओगे एक अरब की नजरों में।' इसके अतिरिक्त फारुक सरल, अनिल अमल, गजेंद्र गजानन, कुलदीप समर, जय कुमार रुसवा, पदम अलबेला, रमेश रंजन व पीयूष नागाइच ने भी काव्य पाठ किया। कार्यक्रम में राजकुमार त्रिवेदी, डॉ. अजय पांडेय, अशोक तौलानी, जो¨गदर ¨सह चावला, डॉ. सर्वेश त्रिपाठी, तुलसीराम भार्गव, सत्येंद्र द्विवेदी, शाश्वत अभिषेक, डॉ. आलोक, ज्ञानेंद्र, राजकिशोर पांडेय प्रहरी व राजेंद्र कंटक की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।


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