बाहर निकला विकास कार्य न होने से रुष्ट प्रधानों का दर्द
पलियाकलां (लखीमपुर) : ग्राम पंचायतों की बागडोर संभालने के बाद से लेकर अब तक प्रधान इलाके में विकास क
पलियाकलां (लखीमपुर) : ग्राम पंचायतों की बागडोर संभालने के बाद से लेकर अब तक प्रधान इलाके में विकास कार्य नहीं करा सके हैं। इस बात का दर्द सोमवार को ब्लॉक सभागार में आयोजित बैठक में सामने आ गया। प्रधानों ने बदली हुई व्यवस्था व लापरवाही को जमकर कोसा। जिस वजह से उन्हें रोजाना क्षेत्र की जनता के सवालों का सामना करना पड़ता है। बैठक में प्रधानों ने कहा कि राज्य वित्त व 14वें वित्त से होने वाले विकास कार्यों की योजना तैयार किए हुए एक महीने से अधिक का समय गुजर चुका है, लेकिन फिर भी काम नहीं किया जा रहा। एडीओ पंचायत कार्यालय से कार्य योजना फीड करने की रफ्तार बेहद धीमी है, जिस वजह से आइडी जनरेट नहीं हो पा रही। गांव में सड़कों, नालियों, खड़ंजा, स्ट्रीट लाइट का काम अधूरा पड़ा है। जिस वजह से वे परेशान हैं। ब्लॉक प्रमुख महेश कुमार ने कहा कि क्षेत्र पंचायत निधि में राज्य वित्त से पैसा न भेजने का नियम बनाया गया है।14वें वित्त से बेहद कम धनराशि आएगी, ऐसे में बड़े विकास कार्य कराना संभव नहीं हो सकेगा। इसमें बदलाव की जरूरत है। बीडीओ जितेंद्र प्रताप ¨सह ने बताया कि पंचायती राज विभाग ग्राम्य विकास परिषद से अलग होने की मांग कर रहा, इससे ग्राम पंचायतों का विकास अवरूद्ध हो जाएगा। प्रधान संघ अध्यक्ष अमोलक ¨सह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस बीच कुछ प्रधानों ने बैठक से किनारा कर लिया। उनका कहना था कि प्रधान संघ का गठन किसी की राय अथवा चुनावी प्रक्रिया से नहीं हुआ है। अध्यक्ष को भी मनोनीत किया गया, जोकि गलत है। हालांकि ऐसे प्रधानों की संख्या बेहद कम रही। बैठक के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया। जिसमें प्रधानों का मानदेय 2500 से बढ़ाकर 10 हजार रूपये करने, सफाई कर्मियों की नियुक्ति करने, रुके विकास कार्यों को शुरू करवाने आदि मांगें शामिल हैं।