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बावरिया गिरोह से बाघों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट

लखीमपुर गर्मी में पानी की तलाश में जंगल से बाहर भटक रहे बाघों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर ¨चता

By Edited By: Published: Tue, 31 May 2016 10:01 PM (IST)Updated: Tue, 31 May 2016 10:01 PM (IST)
बावरिया गिरोह से बाघों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट

लखीमपुर

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गर्मी में पानी की तलाश में जंगल से बाहर भटक रहे बाघों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर ¨चता सताने लगी है। जंगलों में पिछले करीब दो दशक से सक्रिय बावरिया गिरोह से बाघों को खतरा उत्पन्न हो गया है। खासकर नेपाल सीमा, दुधवा पार्क, साउथ और नार्थ डिवीजन से गुजरीं नदियों के कछार में शिकार करने की आशंका है।

मौजूदा समय में दुधवा पार्क से कई बाघ पानी की तलाश में साउथ और नार्थ डिवीजन के क्षेत्र में टहल रहे हैं। बीते दिनों पालतू और जंगली जानवरों के शिकार की घटनाओं से इसकी पुष्टि भी हुई है। बाघों के जंगल से निकलने पर शिकार का खतरा भी बढ़ जाता है। बाघों के शिकार की घटनाओं में पिछले दो दशक से हरियाणा के बावरिया गिरोह की भूमिका भी मिली है। वर्ष 1997 से लेकर 2013 तक दो दर्जन से अधिक घटनाओं में गिरोह महिला सरगना दलीपो और उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर बहराइच, पीलीभीत, लखीमपुर सहित कई अन्य जिलों में मुकदमे दर्ज हुए हैं। बावरिया गिरोह के सदस्य और उनके कैरियर शिकारी जंगल और बाहर खेतों में कुडका लगाकर बाघों का शिकार करते हैं। हालांकि दुधवा पार्क प्रशासन बावरिया गिरोह के खतरे से पहले ही सुरक्षा प्रबंधों को पुख्ता करने का दावा कर रहा है। अधिकारियों के मुताबिक जंगल में गश्त करने के लिए फारेस्ट गार्ड और वाचरों की टीम बनाई गई है। नेपाल बॉर्डर से सटे दुधवा के जंगलों और नदियों के कछार में विशेष नजर रखी जा रही है। संदिग्ध दिखने वाले व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है। जंगल के अंदर बसे करीब 15 गांवों के लोगों से टीमें संपर्क कर संदिग्धों की गतिविधियों की जानकारी ले रहे हैं। इसके साथ ही दुधवा से सटे वन विभाग के दोनों डिवीजनों के रेंज अधिकारियों को भी सतर्क किया गया है। खासकर मजगई, पलिया, मैलानी, भीरा, निघासन रेंज के अधिकारियों को गश्त बढ़ाने और विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है।

जिम्मेदारों की सुनिए

क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली से उत्तराखंड और दुधवा पार्क के लिए बावरिया गिरोह को लेकर अलर्ट आता रहता है। बाघों की सुरक्षा के मद्देनजर दुधवा पार्क और साउथ और नार्थ डिवीजन के सटे हुए जंगलों में गश्त बढ़ाने को कहा गया है। नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी और पार्ककर्मियों द्वारा संयुक्त पेट्रो¨लग की जा रही है। गर्मी में जो बाघ जंगल से निकले थे, अब वह जंगल में वापस लौट आए हैं। सुरक्षा को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है।

महावीर कौजलगी, उपनिदेशक दुधवा पार्क

बाघों के मूवमेंट पर विशेष नजर रखी जा रही है। दुधवा पार्क से सटे साउथ खीरी की रेंजों में गश्त बढ़ाई गई है। शिकार का अभी कोई खतरा नहीं है। इस संबंध में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है।

-संजय विश्वाल, डीएफओ साउथ खीरी


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