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जमुनाबाद कृषि विवि को लगेंगे रफ्तार के पंख

गोकर्णनाथ, (लखीमपुर) : तराई के गन्ना बाहुल्य क्षेत्र में अरसे से प्रतीक्षित और निर्माणाधीन चंद्रश

By Edited By: Published: Fri, 12 Feb 2016 08:44 PM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2016 08:44 PM (IST)
जमुनाबाद कृषि विवि को लगेंगे रफ्तार के पंख

गोकर्णनाथ, (लखीमपुर) : तराई के गन्ना बाहुल्य क्षेत्र में अरसे से प्रतीक्षित और निर्माणाधीन चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोजेक्ट की प्रगति का रास्ता साफ हो गया है जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को पेश किए गए बजट में इसके निर्माण में तेजी लाने के लिए कई करोड़ रुपए के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इससे क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है तथा कुछ ही सालों में अब यह सपना साकार हो जाने की उम्मीद जगी है। प्रदेश में तराई के इलाके का खीरी जिले का गोला गोकर्णनाथ का इलाका जिला गन्ना बाहुल्य क्षेत्र के रुप में जाना जाता है तथा इस क्षेत्र की प्रगति का आर्थिक दारोमदार भी इसी नगदी फसल पर टिका हुआ है। यहां के तमाम इंटर कालेजों में कृषि विषय की शिक्षा भी दी जाती है लेकिन इसके बाद की पढ़ाई के लिए आधुनिक कृषि में रुचि रखने वालों के विद्यार्थियों को उच्चस्तरीय शिक्षा के लिए गैर जिलों के विश्वविद्यालय में जाना मजबूरी बनी हुई है। इन हालातों को देखते हुए मौजूदा राज्यसभा सांसद रविप्रकाश वर्मा व विधायक विनय तिवारी के प्रयासों के बाद करीब दो साल पहले गोला से कुछ दूर स्थित राजकीय कृषि प्रक्षेत्र जमुनाबाद फार्म के परिसर में प्रदेश शासन ने न केवल कृषि विश्वविद्यालय बनाने का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट आगे बढ़ा था। इसके लिए शासन ने 42.95 करोड़ की राशि स्वीकृत की थी तथा मई 2014 में कानपुर विश्वविद्यालय के आउट कैंपस के रूप यहां इसे बनाने के लिए करीब 25 हेक्टेयर जमीन भी अधिगृहीत करते हुए प्रारंभिक तौर पर 28 करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर दी । इसके बाद यहां चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बनाने का काम शुरु कर दिया गया था जहां अब तक लेक्चरर हाल, हास्टल, पानी की टंकी व प्रशासनिक भवन सहित विश्वविद्यालय का अधिकांश काम पूर्ण हो चुका है। लेकिन आगे के कार्य के लिए बजट की दरकार बनी हुई थी जिसके अभाव में यह निर्माण गति नहीं पकड़ पा रहा था और उम्मीद की जा रही थी कि इसके बनने में अभी कई साल लग सकते हैं। इस बीच शुक्रवार को प्रदेश सरकार के अनुपूरक बजट में इस विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए करोड़ की राशि आवंटित किए जाने के बाद इस प्रोजेक्ट को पंख लग जाने की उम्मीद जगी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि आगे तीन सालों में भवन निर्माण पूरा हो जाने के बाद वहां स्नातक स्तर की कृषि शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी जो जिले में अपने ढंग का अकेला ही विश्वविद्यालय तो होगा ही एग्रीकल्चर के विद्यार्थियों के लिए एक वरदान साबित होगा।

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बोले लोग::: युवाओं का बड़ा सपना होगा साकार

फोटो 22::: लखपतराम वर्मा

कृषक समाज इंटर कालेज में प्रवक्ता डा.लखपत राम वर्मा ने खीरी जिले में कृषि विश्वविद्यालय सपा सरकार की अनूठ उपलब्धि होगी जिससे कृषि स्नातकों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा तथा उन्नत खेती के नए आयाम खुलेंगे। प्रदेश के बजट में कृषि विश्वविद्यालय के लिए आवंटित किया जाना इस बात का परिचायक है कि सरकार इस क्षेत्र की उन्नति को प्रयत्नशील है।

फोटो 23::: नितिन तिवारी

सपा नेता नितिन तिवारी ने बजट में कृषि विश्वविद्यालय के निर्माण को धन आवंटित होने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट पूरा होने पर कृषि विषय की उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को जिले में ही यह सुविधा मिल सकेगी तथा इसका श्रेय राज्यसभा सांसद रविप्रकाश वर्मा व विधायक विनय तिवारी को जाता है।

फोटो 24::: डॉ. अनिल

जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक डा.अनिल कुमार ने कहा कि कई वर्षों से यहां कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रयास अब सार्थक होते दिखने लगे हैं तथा प्रदेश शासन द्वारा इसनके निर्माण व जरूरी संसाधनों के जुटाने के लिए धनराशि आवंटित किए जाने से उम्मीद जगी है कि यह प्रोजेक्ट अब पूर्णता की ओर है

फोटो 25::: तौकील बेग।

सपा नेता तौकील बेग ने खीरी जिले में निर्माणाधीन कृषि विश्वविद्यालय को एग्रीकल्चर के विद्यार्थियों के लिए सपा सरकार का तोहफा करार देते हुए कहा है कि यह तराई के लिए एक उपलब्धि साबित होगी।


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