'अब न हो मुल्क में कोई दंगा कभी'
लखीमपुर : कस्बे में चल रहे रामलीला मेले में गुरुवार की रात में स्व.डॉ.गायत्रीनाथ पंत की स्मृति में स
लखीमपुर : कस्बे में चल रहे रामलीला मेले में गुरुवार की रात में स्व.डॉ.गायत्रीनाथ पंत की स्मृति में सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था लोक सृजन द्धारा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें देश भर से आए प्रसिद्ध कवियों, शायरों और गीतकारों ने रात भर श्रोताओं को हटने नहीं दिया।
कार्यक्रम का शुंभारंभ इलाके के विधायक केजी पटेल ने मां सरस्वती के समक्ष दीप जलाकर माल्यार्पण कर किया। इसके बाद बस्ती से आईं कवियित्री शिवा त्रिपाठी ने सरस्वती वंदना की। इसके बाद शुरू हुए कवि सम्मेलन में लखीमपुर के प्रसिद्ध कवि फारूख सरल ने अपनी यह रचना पढ़ी हैं 'रहते घर के अंदर मां-बाप जिस तरीके से, वो बच्चा तरीका खुद ब खुद सीख जाता है। रहे जो कुछ नहीं घड़ी संगति में हम बदनाम लोगों की, अदा जीने की मरने का सलीका सीख जाता है।' इसके बाद चूड़ियों के शहर फिरोजाबाद से आए देश के नामी शायर हाशिम फिरोजाबादी ने जब अपना यह शेर पढ़ा तो श्रोता झूम उठे 'अब न हो मुल्क में कोई दंगा कभी, और मैली न हो अब ये गंगा कभी, आइए आज हम मिलके खायें कसम, झुकने देंगे न हाशिम तिरंगा कभी।' इसके बाद सीतापुर से आए हास्य कवि अमरेंद्र ¨सह चैहान ने यह कविता पढ़ी 'ई मोबाइल के माध्यम ते पत्नी पति को भरमाती है, है औरू कहूं पूछेव जैसे तो कहूं और बताती है।' छलबंदी यी आइटम ते होति आइटम बम यहै मिसाइल है, कुछु औरू भले घर होई नहीं मुलु जेब मा मोबाइल है।' इसके बाद कोटा राजस्थान से आए देश के गीतकार कुंवर जावेद यह गीत पढ़ कर छा गए। 'गिजाएं खाते हैं यह एसी होटलों में और सड़क पर भूखे नंगों की बात करते हैं। मजाक देखिये इससे ज्यादा क्या होगी, दुरंगे लोग तिरंगे की बात करते हैं।' लखीमपुर की कवियत्री रंजना ¨सह हया ने यह गजल पढ़ी 'मेरे खिलाफ शोले उगल रहा है कोई, जरूर मेरी तरक्की से जल रहा है कोई। कसम भुलाने की खाता है तोड़ देता है, संभल-संभल के मुसलसल फिसल रहा है कोई।' रात भर चले इस कवि सम्मेलन में इनके अलावा नवल सुधांशु, प्रसाद गंजरहा, चंद्रिका प्रसाद यादव व एहतराम हुसेन ने भी काव्य पाठ किया। इसके पूर्व विधायक द्धारा कवियों और क्षेत्रीय पत्रकारों को सम्मानित किया गया। इस दौरान पूर्व चेयरमैन मो. कयूम, बेलरायां चीनी मिल के उपाध्यक्ष अमनदीप ¨सह, प्रधान श्राीराम ¨सह, सभसद गिरिजेश ठठेर, शिशिर गुप्ता, दीपक सक्सेना, सभासद प्रतिनिधि नरेंद्र गुप्ता, ह्रदेश गुप्ता, मो. नईम के साथ हजारों काव्य प्रेमियों ने कविताओं और गीतों का रसपान किया।