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वतन के वास्ते जो कटा दे सिर, वही तन से अमीर..

गोलागोकर्णनाथ (लखीमपुर) : भारत विकास परिषद के तत्वावधान में आयोजित सांस्कृतिक सप्ताह के अंतिम दिवस प

By Edited By: Published: Thu, 26 Nov 2015 10:55 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2015 10:55 PM (IST)
वतन के वास्ते जो कटा दे सिर, वही तन से अमीर..

गोलागोकर्णनाथ (लखीमपुर) : भारत विकास परिषद के तत्वावधान में आयोजित सांस्कृतिक सप्ताह के अंतिम दिवस पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विमलेश जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि 'कोई मन से अमीर होता है, कोई धन से अमीर होता है। वतन के वास्ते जो कटा दे सिर अपना वही तन से अमीर होता है।' काव्य गोष्ठी में जसकरनलाल ने कहा कि 'अश्क मां के बहाना अच्छा नहीं होता, मंजरे कातिल अच्छा नहीं होता', अनूप मिश्र ने 'गुरु के चरणों की मिली चुटकी भर जो धूल, कांटो पर चलता रहा चुभा न मुझको शूल', राजीव प्रकाश ने 'जागो भारत के आम जनों, अपनी ताकत को पहचानो', ¨प्रस गुप्ता ने 'भ्रष्ट मंत्री और संत्री लालू जैसे होते हैं, चारा में कर दिया घोटाला फिर जेल में सोते हैं'। आशीष शर्मा ने 'साथ अपना जहां को है भाता नहीं, साथ देना मुझे भी तो आता नहीं', अभिषेक मिश्र ने 'प्यार में तेरे मैं पागल था, तुम दिवाने हुए नहीं', मुनेंद्र प्रताप ने 'निगाहों का नशा कातिल जहां बदनाम होता है', आलोक तिवारी ने कानून बनाने वाले जब कानून तोड़ते जाते हैं', बेदिल भारती ने 'हो गया जालिम बरी, पाई सजा मजलूम ने', बेनीराम अंजान ने 'राजनीति के ठेकेदारों कैसे देश बचाओगे काव्य पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।' इस मौके पर शैलेंद्र सक्सेना, सईद अहमद, विशाल कश्यप सहित परिषद के तमाम लोग व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।


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