दुधवा में इको-फैंड्रली तकनीक से तैयार होगा सैलानियों का भोजन
पलिया कलां (लखीमपुर): सैलानियों के लिए आधुनिक सुविधाओं और पर्यावरण संरक्षण की कवायद को आगे बढ़ाते ह
पलिया कलां (लखीमपुर): सैलानियों के लिए आधुनिक सुविधाओं और पर्यावरण संरक्षण की कवायद को आगे बढ़ाते हुए अब दुधवा पार्क प्रशासन ने ईको-फ्रैंडली तकनीक से सैलानियों हेतु खाना बनाने की तैयारी कर ली है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सौजन्य से दुधवा टाइगर रिजर्व और डब्लूडब्लूएफ द्वारा पार्क परिसर स्थित कैंटीन में बायो-डाइजेस्टर संयत्र का निर्माण किया गया है, जिसका बुधवार को डिप्टी डायरेक्टर पीपी ¨सह एवं उनकी पत्नी रेनू ¨सह ने शुभारंभ किया।
इस दौरान डीडी ने कहा कि यह संयत्र कैंटीन में बचे भोज्य पदार्थों, सब्जी-फलों के छिलकों आदि से फीड होगा। उससे प्राप्त गैस का प्रयोग ईंधन के रूप में भोजन बनाने में होगा। उन्होंने बताया कि बायो डाइजेस्टर को प्रतिदिन 60 से 70 किग्रा बेकार भोज्य पदार्थों से भरना होगा, जिसके फलस्वरूप चार से पांच घंटा ईंधन हेतु गैस प्राप्त हो सकेगी। इस प्रकार कैंटीन में भोजन निर्माण में लगने वाली रसोई गैस की बचत होगी, एवं बेकार पदार्थों का प्रयोग होने से पार्क परिसर भी साफ सुथरा होगा। डीडी ने दुधवा परिसर में रहने वाले वन कर्मियों को निर्देशित किया है कि वे अपने घरों में बचे खुचे भोज्य पदार्थों एवं सब्जी के छिलके आदि बाहर न फेंककर बायो डाइजेस्टर के लिए उपलब्ध कराएं। परियोजना अधिकारी डब्लूडब्लूएफ के दबीर हसन ने बताया कि इस संयत्र को दुधवा कैंटीन में लगाने का उद्देश्य पर्यटकों एवं अन्य आगंतुकों को बेहतर सुविधा देना है। इसे भविष्य में अन्य क्षेत्रों में भी फैलाया जा सकेगा। यह संयत्र रसोई गैस और जलौनी लकड़ी का स्थान जरूर लेगा। संयत्र के संचालन एवं उसके रखरखाव के लिए डब्लूडब्लूएफ पीलीभीत कार्यालय के परियोजना अधिकारी नरेश कुमार ने कैंटीन संचालक, रसोईयों, वन कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया। कार्यक्रम में आरपी ¨सह, नसीम खान, रमेश ¨सह, सौरभ, विजय पाल, प्रेम ¨सह आदि मौजूद रहे।