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सौ की रसीद और पांच सौ का बन रहा नोडयूज

पलिया कलां (लखीमपुर): छोटी संसद यानि ग्राम पंचायत के चुनाव में प्रत्याशियों से प्रमाण पत्र बनवाने के

By Edited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 09:35 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 09:35 PM (IST)
सौ की रसीद और पांच सौ का बन रहा नोडयूज

पलिया कलां (लखीमपुर): छोटी संसद यानि ग्राम पंचायत के चुनाव में प्रत्याशियों से प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर 300-500 रुपये का शुल्क वसूला जा रहा है। जबकि रसीद दी जाती है 100 रुपये की। प्रत्याशी आवाज उठाते हैं तो प्रमाण पत्र देने से ही इंकार कर दिया जाता है।

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चतुर्थ चरण में पलिया ब्लॉक की 76 ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान एवं सदस्य पद का चुनाव होना है। इसके लिए कागज-पत्रों को इकट्ठा करने में प्रत्याशी जी जान से जुटे हैं। 27 को नामांकन है, जिसमें कुछ ही दिन शेष बचे हैं। सबसे ज्यादा मुश्किल नोड्यूज यानि अदेय प्रमाण पत्र बनवाने में आ रही है। प्रधान व सदस्य दोनों को क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत और जिला पंचायत की अदेयता का प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है। यूं तो यह प्रमाण पत्र नि:शुल्क होना चाहिए, लेकिन इसके लिए जमकर वसूली की जा रही है। जिला पंचायत इंटर कॉलेज में जिले से आए कर्मचारियों द्वारा प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कैंप लगाया गया है। शुरूआत में यहां ग्राम प्रधान और सदस्य के प्रत्याशियों से 100 रुपये का शुल्क लेकर प्रमाण पत्र दिया गया, लेकिन जैसे ही भीड़ बढ़ी अचानक दाम भी बढ़ा दिए गए। बुधवार को एक प्रमाण पत्र के लिए 300-500 रुपये का शुल्क लिया गया। पूछने पर यहां मौजूद कर्मचारी ने पहले जवाब दिया कि जो पैसा देगा उसे ही समय से प्रमाण पत्र मिलेगा, अगर आपको चाहिए तो 300 रुपये दीजिए वरना लाइन में आइए। हालांकि कैमरे का फ्लैश चमकते ही कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और उनका बयान भी बदल गया। जवाब मिला कि हम क्या करें, मजबूरी है। अधिकारियों के कहने पर ही शुल्क बढ़ाया गया है। वैसे भी प्रत्याशी जीतने के बाद खूब कमाएंगे, फिर अभी पैसा देने में उन्हें क्या दिक्कत।

इंसेट-

फार्म के नाम पर भी वसूली

प्रमाण पत्र के लिए भरे जा रहे फार्म में भी वसूली की जा रही है। कर्मचारियों ने साठगाठ कर कॉलेज के पास स्थित एक दुकान पर फार्म रखवा दिए हैं, जिनसे ठेका कर लिया गया है। एक फार्म 10-20 रुपये में बेचा जा रहा है।

बेखबर हैं जिम्मेदार:-

इस मामले में चुनाव की प्रक्रिया देख रहे एसडीएम से पूछा गया तो उन्होंने जानकारी से ही इंकार कर दिया। विस्तृत जानकारी के लिए जब फोन मिलाया गया, तो उनका सरकारी नंबर बंद मिला। वहीं तहसीलदार राजू कुमार ने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। इतना जरूर कहा कि चुनाव से जुड़े समस्त कार्य एसडीएम की देखरेख में हो रहे हैं, अदेय प्रमाण पत्र भी।


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