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लोकतंत्र को मजबूत करने आड़े नहीं आई शारीरिक कमजोरी

लखीमपुर : नब्बे साल की उम्र, कमर से झुका झुर्रियों वाला शरीर, फिर भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागी

By Edited By: Published: Tue, 13 Oct 2015 09:54 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2015 09:54 PM (IST)
लोकतंत्र को मजबूत करने आड़े नहीं आई शारीरिक कमजोरी

लखीमपुर : नब्बे साल की उम्र, कमर से झुका झुर्रियों वाला शरीर, फिर भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदार को हिम्मत और जोश ऐसा जो किसी के लिए भी प्रेरणा बन जाए। यह जोश और जज्बा है बिजुआ ब्लॉक के ग्राम भानपुर की चंद्रकली का। दूसरे चरण के जिला व क्षेत्र पंचायत चुनाव में मंगलवार को कुंभी, बांकेगंज, फूलबेहड़ और बिजुआ ब्लॉक क्षेत्र में मतदान हुआ। दोपहर तकरीबन दो बजे का समय, जब बिजुआ ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय भानपुर में बने मतदान केंद्र पर औसत से कुछ कम ही भीड़ थी, ऐसे में मतदान कक्ष से वोट डालकर अपने एक रिश्तेदार का सहारा लेकर वापस आती चंद्रकली दिख गईं। पूछने पर बड़े जोश और खुशी से उन्होंने बताया कि 'भइया वोट डारइ गए रहन'। चंद्रकली के मुंह से निकले इन पांच शब्दों में वह संतोष साफ झलक रहा था, जो किसी को भी अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा लेने के बाद होता है। बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ता, इससे पहले ही चंद्रकली ने कहा 'भइया छाहीं मा चलउ'। विद्यालय परिसर में पेड़ की छांव नहीं मिली तो हम लोग वहीं खड़ी मतदान कर्मियों की बस के किनारे खड़े हो गए। यहां चंद्रकली ने जो कहा वह हमारी युवा पीढ़ी के लिए जिम्मेदारी का बोध कराती बड़ी बात थी। पूछने पर कि इस उम्र में वोट डालने आना क्यों जरूरी समझा, चंद्रकली ने कहा 'भइया हम बूढि़-बाढि़ जउन बोइब, हमारि लरिका अउर पोता वहइ कटिहइं'। चंद्रकली का मतलब साफ था कि हम गंवई लोकतंत्र में भागीदारी इसलिए कर रहे हैं कि न सिर्फ अपनी पीढ़ी को अच्छा नेतृत्व चुनकर देने में भागीदारी करें, बल्कि उन्हें मतदान के महत्व के बारे में भी सीख दे जाएं।

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बुजुर्गों का यह जज्बा अकेले चंद्रकली का नहीं था। बिजुआ निवासी 70 वर्षीय सरोजनी जो वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बने मतदान केंद्र पर अपनी पौत्री के साथ वोट डालने आईं थीं। उन्होंने बताया कि वयस्क होने के बाद से अब तक हर चुनाव में उन्होंने मतदान की अपनी जिम्मेदारी जरूर निभाई है। आज का मतदान का दिन उनके लिए कुछ खास है, कारण उनके साथ आई उनकी पौत्री पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करने जा रही है। उन्होंने कहा अपनी युवा पीढ़ी को सही दिशा देने का हम बुजुर्गों का कर्तव्य है, ऐसे में हम मतदान जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से पीछे कैसे हट सकते हैं। इसी तरह बांकेगंज ब्लॉक के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय बांकेगंज में बने मतदान केंद्र पर वोट डालने आईं कोठीपुर निवासी 80 वर्षीय भगौता देवी का जज्बा किसी को भी मताधिकार के कर्तव्य के प्रति जागरूक करने वाला था। अपने एक पड़ोसी के साथ मतदान केंद्र पर आईं भगौता देवी के चेहरे पर वोट डाल लेने के बाद जो खुशी झलक रही थी, वह मताधिकार की ताकत का अहसास करा रही थी। इसी मतदान केंद्र पर जवाहरपुर की सुदामा, जोकि विकलांग हैं, वह भी वोट डालने आईं थीं। अपने परिवार की एक महिला का सहारा लेकर मतदान केंद्र तक आईं सुदामा के चेहरे पर न तो अपनी विकलांगता को लेकर कोई मायूसी थी और न ही भीड़ को देखकर कोई झिझक। हां उनके चेहरे पर वोट डालने की खुशी साफ नजर आई।


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