रजागंज रेलवे स्टेशन पर समस्या ही समस्या
लखीमपुर : रजागंज रेलवे स्टेशन महज कहने को ही स्टेशन है। यहां पर सुविधाएं तो हाल्ट से भी बदतर हैं। हा
लखीमपुर : रजागंज रेलवे स्टेशन महज कहने को ही स्टेशन है। यहां पर सुविधाएं तो हाल्ट से भी बदतर हैं। हाल्ट पर भी यात्रियों को ट्रेन से उतरने और चढ़ने के लिए प्लेट फार्म बना होता है, लेकिन यहां तो प्लेट फार्म से कहीं अधिक ऊंची ट्रेन की पटरियां हैं। ऐसे में यात्रियों को ट्रेन पर चढ़ने और उतरने में काफी परेशानी होती है।
ऐशबाग-मैलानी के मध्य जिला मुख्यालय से करीब 24 किमी पश्चिम की ओर गोला गोकर्णनाथ से करीब 11 किमी पहले पड़ने वाला रजागंज रेलवे स्टेशन विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ता जा रहा है। यहां पर लगे कई हैंडपंप ठप पड़े हैं महज दो में पानी आता है। कहने को शौचालय भी बने हैं, लेकिन उनमें हमेशा ताला ही लटकता रहता है। यात्रियों के लिए टीनशेड का भी बंदोबस्त नहीं है। इससे तपती धूप में भी यात्री इधर-उधर पेड़ों का ही सहारा लेकर ट्रेनों का इंतजार करने को विवश होते हैं। इतना ही नहीं रेलवे कॉलोनी में लगे दो नल भी बंद रहते हैं, जिससे कर्मचारियों को भी पेयजल की समस्या रहती है। यहां के कर्मचारी संजीव कुमार कटरिया और भीम ¨सह का कहना है कि कॉलोनी का नल काफी समय से खराब होने के कारण पेयजल की समस्या रहती है। स्टेशन अधीक्षक का कार्यालय भी एक छोटे से कक्ष में बना है। इसके सामने बने छोटे से बरामदे में जनरेटर लगा होने के कारण एक तो यात्रियों को बरामदे में भी खड़े होने की जगह नहीं मिलती है। साथ ही स्टेशन कर्मचारियों को फोन भी सुनने में परेशानी होती है। क्षेत्र के करीब दो दर्जन से अधिक गावों के लोगों के आवागमन का ट्रेन ही एक साधन है। यहां एकाध पैसेंजर ट्रेनों को छोड़कर आठ पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव होता है। रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक यहां प्रतिदिन करीब ढाई सौ से तीन सौ तक यात्री आवागमन करते हैं।
-क्या कहते हैं स्टेशन अधीक्षक
इस संबंध में बात करने पर स्टेशन अधीक्षक सुभाष चंद्र का कहना है कि सीटों और नल की मरम्मत करवाने के लिए कई बार विभाग को लिखा गया है जैसे ही बजट मंजूर होता है काम पूरा करवा दिया जाएगा।