दुधवा की बफर जोन में बढ़ रहा बाघ का कुनबा
लखीमपुर : मीलों फैले साल के सघन वनों और अपनी अनूठी जैव विविधता के लिए पूरे विश्व में पहचान रखने वाले
लखीमपुर : मीलों फैले साल के सघन वनों और अपनी अनूठी जैव विविधता के लिए पूरे विश्व में पहचान रखने वाले दुधवा टाइगर रिजर्व में वनराज (बाघों) की सल्तनत का विस्तार हो रहा है। दुधवा की बफर जोन में आने वाले दक्षिण खीरी वन प्रभाग की दो रेंजों में भी बाघों का कुनबा बढ़ रहा है। इसकी पुष्टि पिछले दिनों तब हुई, जब बफर जोन में बाघों की गणना के लिए लगाए गए कैमरों में कैद हुई एक फोटो देखी गई। इस फोटो में एक बाघिन अपने तीन शावकों संग जंगल में घूम रही है। दक्षिण खीरी वन प्रभाग की मैलानी व भीरा रेंज के जंगल दुधवा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र से सटे होने के कारण इसके बफर जोन में आते हैं। दुधवा से सटे होने के कारण मैलानी व भीरा के इन जंगलों में भी बाघ समेत अन्य वन्यजीवों की मौजूदगी है। इसके चलते यहां समय-समय पर बाघों की गणना कराई जाती है। इस बार मैलानी व भीरा वन रेंज में बाघों की गणना के लिए बीती 16 अप्रैल को कुल 45 कैमरे लगाए गए थे। बाघों की गणना के लिए ये कैमरे 16 मई तक लगे रहे। इसमें मैलानी रेंज की जटपुरा बीट में लगे एक कैमरे में बीती 22 अप्रैल की रात 11.42 बजे एक ऐसी तस्वीर कैद हुई, जिसे देखकर वन विभाग के लोग खासे उत्साहित हैं। दरअसल इस तस्वीर में एक बाघिन अपने तीन शावकों संग जंगल में विचरण कर रही है। दक्षिण खीरी वन प्रभाग के डीएफओ नीरज कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बाघों की गणना के लिए जो कैमरे लगाए गए थे उनमें कैद हुई तस्वीरों का अध्ययन किया जा रहा है। फिलहाल यह कार्य पूरा होने के बाद ही मैलानी व भीरा रेंज में बाघों की संख्या का पता चल सकेगा। उन्होंने बताया कि मैलानी व भीरा रेंज दुधवा से सटी होने के कारण यहां से वहां तक बाघों का विचरण होता रहता है। यह जरूर है कि दो साल पहले हुई गणना में बफर जोन में छह ऐसे बाघ चिन्हित किए गए थे, जो दुधवा में नहीं देखे गए। डीएफओ ने बताया कि कैमरे में जो शावक दिखे हैं उनकी उम्र छह माह के लगभग है और अभी तक जो तथ्य विभाग के पास हैं उनके अनुसार यह बाघिन और शावक अन्य कहीं नहीं देखे गए।