सरकारी स्कूल में बच्चे नहीं, निजी में प्रवेश खत्म
लखीमपुर : सरकारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के साथ-साथ माध्यमिक विद्यालयों का शैक्षिक सत
लखीमपुर : सरकारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के साथ-साथ माध्यमिक विद्यालयों का शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से शुरू हो गया है। आलम यह है कि सरकारी विद्यालयों में पर्याप्त संख्या में बच्चे नहीं हैं, जबकि निजी स्कूलों में प्रवेश ही खत्म हो गया है। जबकि सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए अभिभावकों को प्रेरित भी किया गया, लेकिन योजना सफल नहीं हो सकी।
अभिभावक अपने बच्चों को परिषदीय एवं सरकारी विद्यालयों में प्रवेश दिलाने के लिए तैयार ही नहीं हैं। अभिभावक शहरी हो या फिर ग्रामीण इलाके का उनकी प्राथमिकता सूची में प्राइवेट स्कूल ही शामिल है। नतीजतन निजी स्कूलों के बाहर अभिभावकों की कतार लगी है, जबकि उन्होंने गेट पर नो वेकैंसी का बोर्ड लगाकर प्रवेश बंद कर दिया है।
सरकारी स्कूलों की बात करें तो जिले में 2723 प्राथमिक एवं 1140 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इसमें सौ से अधिक प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय शहरी क्षेत्र में हैं।अधिकारियों की माने तो अप्रैल में चले स्कूल चलो अभियान के बाद पूरे जिले में हजारों बच्चों का पहली कक्षा में प्रवेश हुआ। इसके विपरीत शहर के पब्लिक एवं कान्वेंट स्कूलों में बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए अभिभावकों की लाइन लंबी होती जा रही है। शहर के तथाकथित अच्छे स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए अधिकारियों, राजनीतिज्ञों के साथ समाज के हर वर्ग के लोगों की सिफारिश पहुंच रही है। स्कूलों में मनमानी फीस वसूली के बाद भी अभिभावक बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाने को तैयार नहीं हैं।