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स्कूली बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है नाला

लखीमपुर : प्रशासन की लापरवाही के चलते कई बार लोगों द्वारा शिकायतें दर्ज कराए जाने के बावजूद भी फरिया

By Edited By: Published: Mon, 04 May 2015 09:16 PM (IST)Updated: Mon, 04 May 2015 09:16 PM (IST)

लखीमपुर : प्रशासन की लापरवाही के चलते कई बार लोगों द्वारा शिकायतें दर्ज कराए जाने के बावजूद भी फरियादियों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। हैरत की बात है कि अफसरों ने डीएम को गुमराह करते हुये कागजों पर शिकायत को के निस्तारण का दावा किया है।

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लखीमपुर मार्ग पर मास्टर कॉलोनी अर्जुननगर में नगर से होते हुए एक विशाल नाला निकाला गया है। नाले के निर्माण के समय में ही कई पशु व आवारा जानवरों की नाले में गिरकर मौत हो चुकी है। अब नाले में नगर का गंदा पानी भी बहाया जाने लगा है। ऐसे में मास्टर कालोनी से निकाले गए नाले को कुछ दूरी तक तो ढक दिया गया, लेकिन सड़क से होते हुए लगभग सौ मीटर की दूरी तक नाले को खुला छोड दिया गया। नाले के निकट एक विद्यालय भी संचालित हो रहा है। इसी नाले के ऊपर से नन्हें मुन्ने बच्चे निकलकर पढ़ने जाते हैं। गहरे नाले के खुले होने से बच्चों को आए दिन नाले में गिरने की संभावनाएं बनी रहती है। कुछ समय पहले मुहल्ला निवासी रिटायर फौजी बसंतलाल शुक्ला की नातिन भी नाले में गिर गई। समय रहते किसी तरह से निकाले जाने से उसकी जान बच सकी। मुहल्ले के लोगों ने कई बार तहसील दिवस सहित शासन प्रशासन को शिकायती पत्र देकर नाले पर पत्थर डलवाए जाने की मांग की। मुहल्ले के रामेश्वर प्रसाद वर्मा, मोहनलाल, सुभाष, हरद्वारीलाल, रामपाल ने 18फरवरी व 3मार्च को जिलाधिकारी ¨कजल ¨सह की अध्यक्षता में तहसील दिवस में भी नाले पर पत्थर डाले जाने की मांग की थी, लेकिन अधिशाषी अधिकारी ने शिकायत के निस्तारण में उक्त नाले पर पत्थर डलवाने एवं नाला कवर करने की कोई आवश्यकता न होना बताया है। सवाल उठता है कि मुहल्ले के मासूम बच्चों, निरीह बेजुबान पशुओं सहित किस के भी नाले में गिर कर मौत होने या डूबने का कारक बने उक्त नाले पर पत्थर न डलवाए जाने के कारण किसी घटना के घटित होने पर किसकी जवाबदेही होगी।--------------------------------

जमकर हुई अनदेखी

गोलागोकर्णनाथ : नाले के निर्माण में मानकों की भी जमकर अनदेखी हुई है। नगर के तमाम गंदे पानी को नगर से गोला के बाहर तक निकाले जाने के लिए नाले में बनाए गए ढलान को इस तरह से बनाया गया है। कि नाले के अंत तक पहुंचकर नाला एक गड्ढे में तब्दील हो रहा है। इस कारण आने वाले समय में नगर का तमाम गंदा पानी गढडे में भरने के बाद गंदगी व मुहल्लेवासियों के लिए गंभीर बीमारियों व संक्रामक रोगों का अड्डा बन सकता है।


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