बचत : गड्ढों में तब्दील हैं क्षेत्र के कई संपर्क मार्ग
लखीमपुर: काश किसी मंत्री की निगाहें विकासखंड रमियाबेहड़ के जीर्ण-शीर्ण संपर्क मार्गों पर इनायत हो जात
लखीमपुर: काश किसी मंत्री की निगाहें विकासखंड रमियाबेहड़ के जीर्ण-शीर्ण संपर्क मार्गों पर इनायत हो जातीं। यह दर्द अत्यंत जर्जर संपर्क मार्गों से गुजरने वाले आम राहगीर की जुबान पर है। यहां विभागों की अनदेखी के चलते ग्राम सभाओं को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग गड्ढों में तब्दील हो गए हैं, जिस कारण आम राहगीरों के साथ-साथ इलाकाई किसानों को अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
जिला मुख्यालय से पैतालिस किमी की दूरी पर स्थित विकास खंड रमियाबेहड़ के संपर्क मार्गों पर यदि नजर डालें तो यहां सड़क पर गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढों में सड़कें दिखाई देंगी। क्षेत्र पंचायत की पगडंडियों पर चलने को मजबूर हैं। वर्षों से संपर्क मार्गों के तारकोल ही नहीं बजड़ी पत्थर तक का नामोनिशन मिट गया है, जिस कारण बड़े वाहनों के आवागमन से सड़कें बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई है। इस कारण आम राहगीरों के साथ-साथ इलाकाई किसानों को गन्ना आदि विभिन्न फसलों लाने व ले जाने में अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मार्गों पर हर समय वाहनों के पलटने अथवा खराब होने से जहां पूरा-पूरा दिन लोग जाम की समस्या से जूझते रहे हैं। वहीं वाहनों के अक्सर खराब होने से आर्थिक नुकसान के साथ ही दुर्घटना का शिकार होने का भय बना रहता है। उदाहरण के तौर पर ब्लाक मुख्यालय से ग्राम पंचायत नैनापुर संपर्क मार्ग पर यह पांच किमी का मार्ग पीडब्ल्यूडी, जिला पंचायत तथा गन्ना विकास आदि तीन विभागों के बंटवारे में है। वर्षों से मरम्मत न होने से यह समूचा मार्ग टूट-फूट कर गड्ढों में बदल गया है। जगह-जगह पर तालाब का रूप ले चुके मार्ग पर आवागमन ठप होने के कगार पर हैं। प्रधान प्रतिनिधि अशोक वर्मा, कल्लूराम वर्मा, नरेंद्र कुमार वर्मा तथा जगदीश रस्तोगी एवं क्षेत्रवासियों ने कई बार मार्ग की मरम्मत के लिए आवाज उठाई, लेकिन विभागीय अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगी। ग्राम पंचायत रमियाबेहड़, तेलियार, लखनियांपुर तथा सुजानपुर आदि चार ग्राम सभाओं को जोड़ने वाला नौव्वापुर संपर्क मार्ग के हालात भी किसी से छिपे नहीं हैं। ढखेरवा धौरहरा हाइवे मार्ग को जोड़ने वाला यह इकलौता मार्ग वर्षों से मरम्मत का कार्य न होने से टूट-फूट कर बड़े गड्ढों में बदल गया है। यही हालात क्षेत्र के अन्य संपर्क मार्गों के हैं।