..आखिर इन हादसों का जिम्मेदार कौन?
लखीमपुर : गैस की कालाबाजारी व गाड़ियों में गैस रिफलिंग पर अंकुश लगाने का कानून तो है, लेकिन महज किता
लखीमपुर : गैस की कालाबाजारी व गाड़ियों में गैस रिफलिंग पर अंकुश लगाने का कानून तो है, लेकिन महज किताबों के पन्नों में कैद होकर रह गया है। गैस रिफलिंग व कालाबाजारी का कारोबार आरटीओ व जिला पूर्ति विभाग की मिलीभगत से हो रहा है। गैस किट लगी गाड़ियों से कई बार हादसे हो चुके हैं, लेकिन इसकी जिम्मेदारी कोई भी नहीं ले रहा है। हर बार की तरह इस बार भी गैस रिफलिंग का हादसा हुआ और जिम्मेदार नदारद थे।
मजेदार बात है कि गैस डिस्ट्रीब्यूटर कहते हैं आपूर्ति नहीं मिल रही, कंपनी अफसर बोलते हैं माग के अनुरूप सप्लाई दे रहे हैं। इन्हीं नियमों के बीच आम आदमी को गैस लेने के लिये एजेंसियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन कार में अवैध गैस किट लगाकर घूमने वालों को झट से घरेलू गैस मिल जाती है। बुधवार को हजारों लोगों की आबादी के बीच गैस रिफलिंग से हुआ हादसा एक बहुत बड़ा रुप ले सकता था। गैस की गाड़ियों से लगातार हादसे हो रहे हैं, लेकिन इनकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है।
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घरेलू गैस का जखीरा बरामद
लखीमपुर : गैस रिफलिंग के दौरान हुये हादसे के बाद हरकत में आया जिला पूर्ति व पुलिस महकमे ने मिलकर सर्च अभियान चलाया। इस दौरान जहां हादसा हुआ था उसके सामने वाली दुकान का ताला तोड़ा गया। जहां से दो भरे सिलेंडर भारत गैस के बरामद किये गये। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को गोदाम के बारे में बताया। गोदाम का ताला खोला गया तो अंदर से घरेलू गैस का जखीरा बरामद हो गया। गोदाम से 35 भरे सिलेंडर बरामद हुये। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई। पड़ोस की दूसरी दुकान का ताला तोड़ा गया, जिसमें से 15 गैस सिलेंडर भरे बरामद हुये। इस दौरान गोदाम से भारी मात्रा में छोटे घरेलू सिलेंडर, रिफलिंग मशीन, गैस पाइप व रेगुलेटर बरामद हुये। शहर में आबादी व गैर आबादी वाले इलाकों में करीब सौ से अधिक अवैध दुकानें संचालित हैं, जहां गैस रिफलिंग का धंधा किया जा रहा है।
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दर्जनों स्थानों पर हो रहा व्यापार
लखीमपुर : जिले में होटल, ढाबे व चाय की दुकानें तो छोड़िए आम उपभोक्ता की रसोई पर इंस्टीट्यूट और कालेजों आदि में एलपीजी का प्रयोग हो रहा है। खीरी जिले की कुल आपूर्ति का 39 फीसदी हिस्सा इसी की भेंट चढ़ रहा है।
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कालाबाजारी में दलाली की फांस
लखीमपुर : जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में इस वक्त उपभोक्ताओं को कुकिंग गैस के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गैस एजेंसियों पर सुबह पांच बजे से ही लंबी-लंबी कतारे लगनी शुरु हो जाती है इसके बावजूद दर्जनों लोगों को बैरंग लौटना पड़ता है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि गैस एजेंसियों पर दलालों की सांठगांठ से कुकिंग की कालाबाजारी की जा रही है।
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क्या हैं नियम व कानून
-एलपीजी कंट्रोल एक्ट के तहत उपकरण समेत गैस रिफलिंग पकड़े जाने पर धारा 3/7 की कार्रवाई।
-अदालत में जुर्म सिद्ध हो जाने पर 7 साल की सजा और जुर्माना।
-गाड़ियों या फिर छोटे-बड़े सिलेंडर गैस में रिफलिंग करना जुर्म की श्रेणी में आता है।
-पूर्ति और आरटीओ विभाग से कोई भी लाइसेंस निर्गत नहीं होता है।
-वैन में घरेलू सिलेंडर मिलने पर आरटीओ महकम एमवी एक्ट के तहत गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द करता है।
-अवैध गैस किट लगी होने पर रजिस्ट्रेशन निरस्तीकरण व 4 हजार का जुर्माना।
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अभियान चलाकर होगी जांच
गैस रिफलिंग रोकने के लिये टीम बनाकर अभियान चलाया जाएगा। वाहनों में चेकिंग कराने के लिये आरटीओ विभाग को पत्र लिखा जाएगा। इसमें पुलिस व पब्लिक का सहयोग भी चाहिये होगा।
राकेश कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी