कैकेई को वर देकर मूर्छित हो गए थे दशरथ
कुशीनगर: विशुनपुरा विकास खंड के बेलवा बाबूराम चौराहे के समीप चल रहे नौ दिवसीय श्रीविष्णु महायज्ञ क
कुशीनगर: विशुनपुरा विकास खंड के बेलवा बाबूराम चौराहे के समीप चल रहे नौ दिवसीय श्रीविष्णु महायज्ञ के दौरान बुधवार की रात रामलीला मंडली के कलाकारों ने कैकेई के कोपभवन में जाने व राजा दशरथ द्वारा वर देने के प्रसंग का सजीव मंचन किया गया। पुत्र मोह में फंसी रानी कैकेयी के मोहपाश में फंसे राजा दशरथ ने श्रीराम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को राजगद्दी का वर दे दिया। उसके बाद राजा दशरथ की मनोस्थिति बिगड़ी और वे महल में मूर्छित होकर गिर पड़े। चेहरे पर कुटिल मुस्कान लिए कैकेयी उनको वहीं छोड़कर चली गईं। पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए श्रीराम वन जाने को तैयार हुए तो भाई लक्ष्मण और सीता भी साथ जाने की जिद पर अड़ गए। राम वनगमन के दौरान सजी झांकी देखने सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। वन जाने से पूर्व श्रीराम, लक्ष्मण और सीता ने माता, पिता व गुरु का चरण स्पर्श किया। गणेश, पार्वती और कैलाशपति का आशीर्वाद लेकर वन को प्रस्थान किए। श्रीराम को वन जाने की जानकारी होने पर अयोध्यावासी रो पड़े। इस दौरान महंथी कुशवाहा, महेश रौनियार, अवधेश कुशवाहा, दीपक शर्मा, हरिशंकर, अजय, शिवनाथ, सर्वजीत, अनिल, जनार्दन, सत्यम, प्रमोद, पंकज, विनोद, राजू, दिनेश, गोबरी, बुनेला आदि मौजूद रहे।