नकदी संकट से जूझ रहे बैंक, बेचैन उपभोक्ता
कुशीनगर: नोटबंदी के फैसले के एक माह बीत जाने के बाद भी उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल पा रही है। अधिकत
कुशीनगर: नोटबंदी के फैसले के एक माह बीत जाने के बाद भी उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल पा रही है। अधिकतर बैंक शाखाओं पर रुपये की कमी के कारण लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। कुछ गिनी चुनी शाखाओं पर ही सप्ताह में 24 हजार रूपये निकालने की सुविधा लोगों को मिल पा रही है। इससे लोगों को अपनी जरूरतें पूरी करनी मुश्किल हो रही है। सबसे अधिक परेशानी पंजाब नेशनल बैंक व पूर्वांचल ग्रामीण बैंक के उपभोक्ताओं को सहनी पड़ रही है। क्षेत्र में स्थित पीएनबी की शाखा भड़कुलवा, हरपुर बरवा व खोट्ठा में उपभोक्ताओं का आक्रोश भड़कने के बाद तोड़ फोड़ व सड़क जाम तक भी हो चुके हैं। बावजूद इसके नकदी की किल्लत बनी हुई है। जिससे घंटों तक कतार में खड़े होने के बाद भी लोगों को दो से चार हजार रूपये तक मुश्किल से मिल पा रहे। पीएनबी हाटा में ग्राहकों की संख्या चालीस हजार को पार कर चुकी है। लेकिन नोट बंदी एक माह भी अधिकतर लोगों को दो हजार रूपये तक ही मिलने के कारण हर दूसरे तीसरे दिन कतार लगाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। शाखा प्रबंधक संजय लाल दो हजार रुपये से अधिक देने में असहाय दिखाई देते । इसी प्रकार भारतीय स्टेट बैंक की शाखा ढाढा में भी पैसे लेने में लोगों को मशक्कत करना पड़ रहा है। गुरुवार को बैंक पर आये तितला निवासी विकलांग तेजप्रताप ने कहा कि खाते से पैसा न मिलने के कारण दवा की व्यवस्था नहीं ककर पा रहा ह़ू। खागी मुंडेरा के निवासी रामअधार ने कहा कि रोगी होने के कारण ठंड में समस्या बढ़ जाती है। लेकिन चावल दाल की व्यवस्था तो दूर दवा तक के पैसे नहीं मिल पा रहे हैं। गिदहा निवासी रजवंती ने कहा कि चार दिनों से बैंक खुलने के दो घंटे पहले ही पहुंच जाती हूं। लेकिन हर रोज पैसा का अभाव होने से वापस लौटना पड़ता है। मुड़िला हरपुर निवासी आसमती ने कहा कि दूर खाता खोलना परेशानी का शबब बन गया है। दो हजार रूपये के लिए 15 किलोमीटर आने के लिए विवश होना पड़ रहा है।