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संस्कारशाला-सर्वाधिक जरूरी है दायित्वों का निर्वहन

जागरण संवाददाता, पडरौना, कुशीनगर: मेरा जीवन मेरा दायित्व। मतलब है कि जीवन मिला है तो उसके साथ जुड़ा ह

By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 11:21 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 11:21 PM (IST)
संस्कारशाला-सर्वाधिक जरूरी है दायित्वों का निर्वहन

जागरण संवाददाता, पडरौना, कुशीनगर: मेरा जीवन मेरा दायित्व। मतलब है कि जीवन मिला है तो उसके साथ जुड़ा है महत्वपूर्ण दायित्व। जीवन में अगर अपने दायित्वों का बोध न हो तो फिर जीवन ही सार्थकता पर सवाल खड़ा हो जाएगा है। हर व्यक्ति को अपने जीवन में अपने दायित्वों को बखूबी समझना व उसका निर्वहन करना चाहिए। जीवन के मूल्य, हमारे दायित्वों पर आधारित हैं।

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