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अब खिलखिलाने को तैयार तालाब

कुशीनगर: दैनिक जागरण के सार्थक प्रयास का नतीजा दिखने लगे हैं। दशकों से झाड़ी झंखाड़ व अतिक्रमण से गुमन

By Edited By: Published: Tue, 28 Jun 2016 11:03 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2016 11:03 PM (IST)
अब खिलखिलाने को तैयार  तालाब

कुशीनगर: दैनिक जागरण के सार्थक प्रयास का नतीजा दिखने लगे हैं। दशकों से झाड़ी झंखाड़ व अतिक्रमण से गुमनाम रहे पोखरे व तालाब सफाई से खिलखिलाने को तैयार हैं। अस्तित्व से जूझ रहे अधिकतर पोखरे व तालाब पुराने स्वरूप में दिखाई दे रहे हैं। किसी गांव के पोखरे में कहीं मेड़बंदी हो रहा है तो

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कहीं सफाई अंतिमदौर में चल रहा है। दैनिक जागरण द्वारा गोद लिए गए 32 पोखरे व तालाब में से करीब 3 पोखरों में काम अंतिमदौर में है। तैयार हो चुके तालाब व पोखरों में जल संचय के उपाय किए जा रहे हैं। प्रधान व बुद्धजीवी वर्ग खुद इसको लेकर गंभीर हैं। सुबह से मजदूर कार्य कर रहे हैं, तो कहीं खुद ग्रामीण ही पोखरे को वजूद

में लाने के लिए गाद की सफाई कर रहे हैं। मानसून शुरू होने के पूर्व सभी जल संचय के उपाय में लगे हुए हैं। तालाबों की भूमि पर झोपड़ी डाल कर रहने वालों को ग्रामीण दूसरे स्थान पर हटवा भी रहे हैं। कुशीनगर जनपद में 1121 गांव सभाएं हैं। गांव के बुजुर्ग पोखरियों की सफाई होने के साथ ही पौराणिक महत्व को युवाओं बताने से नहीं चूक रहे हैं। दशकों पूर्व की बातें सुन युवा वर्ग अचंभित हो जा रहे हैं। वैसे तो सभी गांवों में पोखरियां हैं, लेकिन लगभग दो सौ से अधिक अस्तित्व गंवा चुके पोखरे व तालाबों के जीर्णोद्धार के जागरण के लिए लोग खुद पहल कर रहे हैं। हालांकि जागरण ने केवल 32 पोखरे ही गोद लिए हैं। सेवरही विकास खंड के गांव बसडीला बुजुर्ग में मनरेगा मजदूर कार्य करते रहे, तो सलेमगढ़ में भी सफाई चलती रही। जल संग्रहण बढ़ाने के लिए गाद सफाई कराने का कार्य जोरों पर है।

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ग्रामीण बोले खुद हों जागरूक -ग्रामीण रामप्रवेश पाठक व दीपू गोंड कहते हैं कि पोखरे व तालाब की साफ सफाई व गंदगी से बचाने के लिए सभी को पहल करनी होगी। यह बिना जागरुकता के नहीं आएगी। बुद्धजीवी सुदामा दूबे व सुरेंद्र दूबे कहते हैं कि पोखरे व तालाब पशुओं के लिए वरदान होते थे, लेकिन ग्रामीणों ने अतिक्रमण कर न स्वरूप बिगाड़ा बल्कि पाट कर सहन बना दिया। व्यापारी संजीव गुप्ता व जितेंद्र ¨सह पटेल कहते हैं कि पोखरी पर

अतिक्रमण की वजह से यह संकट खड़ा हुआ है। हमें पहले अतिक्रमण हटाना होगा, नहीं तो कभी पानी कभी सूखते नहीं देखा। राजेश कुमार गुप्ता, बलिराम गुप्ता, गणेश प्रसाद कहते हैं कि पहले पोखरे से खेत की ¨सचाई के साथ पशु-पक्षियों को पानी पीने से लेकर नहलाने की व्यवस्था होती थी, लेकिन पोखरी पर अतिक्रमण से स्थिति खराब हो गई। इसे दुरुस्त करने के लिए जागरूक होना होगा।

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इनकी भी सुनें

-बसडीला बुजुर्ग के प्रधान लालमन यादव कहते हैं कि मनरेगा से पोखरे की सफाई अंतिम दौर में है। मेड़बंदी का काम कराया जा रहा है। पोखरा पुराने स्वरूप में आ गया है। सुंदरीकरण करके जल संचय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। सलेमगढ़ के प्रधान विनोद ¨सह पटेल कहते हैं कि गांव सभा में आधा दर्जन पोखरियों की सफाई कराई जा रही है, जो अंतिमदौर में हैं। इसके अलावा एक पोखरी में पक्का निर्माण करा सीढ़ी बनाने का काम चल रहा है। ---

डीएम ने कहा

-डीएम शंभु कुमार कहते हैं कि पोखरों के सुंदरीकरण के साथ ही जल संचय की व्यवस्था कराने का निर्देश दिए गए है। कहीं से लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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तालाबों को मिला नया जीवन

-कुशीनगर जनपद में दैनिक जागरण द्वारा 32 में से 29 पोखरे तैयार हैं। इसमें रामधाम विशुनपुरा, भलुहीं मदारी पट्टी, परेवाटार, कोटवा बाजार, सखवनिया, सेवरही, अहिरौली राजा, ढाढा खुर्द, कविलसहां, टेकुआटार, रामबर, सलेमगढ़, बसडीला बुजुर्ग में कार्य अंतिम दौर में है। अब केवल सुंदरीकरण होना है, तो 3 पोखरों में सफाई कार्य तेजी से चल रहा है।


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