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बदहाली का शिकार हो गई धार्मिक महत्व की नदी बांसी

कुशीनगर: उत्तर प्रदेश व बिहार की सीमा पर स्थित बांसी नदी का धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान तो ह

By Edited By: Published: Wed, 29 Jul 2015 04:49 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2015 04:49 PM (IST)
बदहाली का शिकार हो गई धार्मिक महत्व की नदी बांसी

कुशीनगर: उत्तर प्रदेश व बिहार की सीमा पर स्थित बांसी नदी का धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान तो है ही, इसकी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य भी देखने लायक थी। यहीं पर भगवान राम रात्रि निवास किए और नदी में स्नान कर शिव¨लग बनाकर पूजन किए थे। इस कारण इस स्थान का नाम बांसी धाम हो गया। प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने आते हैं। प्रशासनिक उपेक्षा के कारण यहां का विकास नहीं हो पा रहा है। श्रावण मास के आगमन के पूर्व बांसी धाम में भगवान राम द्वारा स्थापित शिव¨लग के जगह बने मंदिर की सफाई व रंगाई कार्य चल रहा है, वहीं पवित्र बांसी नदी व उस पर बनाए घाटों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पुराणों की मान्यता है कि काशी में गंगा नदी में स्नान करने के बराबर बांसी नदी में स्नान करने से पुण्य मिलता है। इसके संबंध में यह भी कहा गया है कि सौ काशी न एक बांसी। वहीं इतने महत्व के बावजूद आज यह स्थान उपेक्षित है। चारों तरफ से अतिक्रमण व गंदगी के कारण नदी व मेले का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। पचासों एकड़ भूमि में लगने वाले मेले के लिए अब महज 5 से 6 एकड़ ही भूमि बची है। यहां की कुछ भूमि दुकानदारों ने कब्जा कर ली है तो कुछ निजी विद्यालयों द्वारा। यदि प्रशासन सक्रिय नहीं हुआ अतिक्रमण की रफ्तार अभी बढ़ सकती है। ग्रामप्रधान सावित्री देवी ने कहा है कि यहां की अव्यवस्था के लिए प्रशासन जिम्मेदार है। यहां एक सफाईकर्मी तैनात था, जिसे हटा दिया गया। ग्रामसभा की ओर से कभी कभार साफ-सफाई कराई जाती है।

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सफाई के अभाव में गंदगी

बांसी निवासी विद्यालाल साहनी ने कहा कि सफाईकर्मियों की लापरवाही के कारण यहां गंदगी फैली है। नदी के घाट कर बैठ कर कुछ अराजक तत्व शराब पीते हैं। पाउच व शीशी नदी में फेंक देते हैं। बगल में पुलिस चौकी है, पर कोई पहल नहीं की जाती है।

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नदी की सफाई नहीं होने से घटी श्रद्धालुओं की संख्या

सिधापट्टी निवासी पुजारी साहनी ने कहा कि इस ऐतिहासिक जगह का नाम भगवान राम के नाम से जुड़ा है। इसकी सुरक्षा सुंदरता बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सभी लोगों की है। जब तक हम जागरूक नहीं होंगे, तब तक समस्या का हल नहीं हो सकता। प्रशासन को मेले में हो रहे अतिक्रमण पर रोक लगानी चाहिए।

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ऐतिहासिक स्थान पर गंदगी का होना ठीक नहीं

एक निजी विद्यालय के प्रबंधक तेज प्रताप तिवारी कहते हैं कि ऐतिहासिक धर्म स्थल पर गंदगी का होना ठीक नहीं है। नदी दूषित होती जा रही है, इस पर रोक जरूरी है।

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सूर्योदय व सूर्यास्त के समय देखने लायक होती है नदी की सुंदरता

शिवम चौबे कहते हैं कि सूर्योदय व सूर्यास्त के समय बांसी नदी की सुंदरता देखने लायक होती है। शाम को लोग नदी के किनारे घूमने जाते हैं। यहां की सुंदरता को बढ़ाने को लेकर प्रशासन को ठोस कदम उठाना चाहिए।


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