परमात्मा की शरण में मानव कल्याण: रामशंकर
कुशीनगर: हम जन्म लिए हैं तो मृत्यु भी निश्चित है। श्री बासुदेव जी महाराज कंस से कहते है कि हे महाराज
कुशीनगर: हम जन्म लिए हैं तो मृत्यु भी निश्चित है। श्री बासुदेव जी महाराज कंस से कहते है कि हे महाराज मृत्यु से डरना नहीं चाहिए, अपितु मृत्यु का सामना करना चाहिए। पृथ्वी की सबसे कड़वी सच्चाई अगर कोई है तो वह मृत्यु।
यह बातें क्षेत्र के गांव रधिया में भागवत कथा का छठवें दिन रसपान कराते हुए रामशंकर शास्त्री ने कही। कहा कि सारा संसार माया में फंसा हुआ है। उस माया से बाहर निकालने का सामर्थ्य सिर्फ माया पति भगवान विष्णु में ही है। जीव जब तक भगवान के चरणों का आश्रय नहीं लेता तब तक जीवन का भटकाव समाप्त नहीं होता। जैसे देवकी व बासुदेव कंस के कारागार में बंद थे और भगवान के प्रकट होते उनके स्पर्श से हाथ की बेड़ी तथा हथकड़ी अपने आप कट गई। उसी प्रकार जब जीव परमात्मा के पास जब जाना चाहता है तो उसके सारे मोह माया समाप्त हो जाते हैं। इस दौरान राजन तिवारी, विनोद पांडेय, संजय तिवारी, मुख्य यजमान राजसति देवी तिवारी, देशवंधु तिवारी, नागेश्वर चौबे, दया¨सधु पांडेय, धीरेंद्र नाथ पांडेय, बालेश्वर पांडेय, भगवंत कन्नौजिया आदि उपस्थित रहे।