पुल के इंतजार में टूटती जा रही सांसों की डोर
कुशीनगर: विकास खंड दुदही के ग्राम पंचायत बांसगांव के टोला खैरवां घाट से बांसी नदी पार करते समय डूबने
कुशीनगर: विकास खंड दुदही के ग्राम पंचायत बांसगांव के टोला खैरवां घाट से बांसी नदी पार करते समय डूबने से मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। करीब सात वर्ष में एक दर्जन लोगों की मौत नदी में डूबने से हो चुकी है। एक पुल के इंतजार में यहां टूटती सांसों की डोर बड़ा सवाल बनकर खड़ा है।
बांसी नदी पर बांस, बल्ली द्वारा बनाए गए पुल से होकर ही लोग आज भी नदी पार करते हैं। इसके चलते लगातार हो रही घटनाओं में मौतें भी हो रही हैं। अब तक किसी की नींद भी नहीं टूटी। हां मौत के बाद प्रशासन घड़ियाली आंसू जरूर बहाता आ रहा है।
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इनकी हुई मौतें
मरने वालों में राहुल निवासी बांसगांव खैरवा, सुकट प्रसाद जटवलिया, महादेव सरगटिया, कासिम अली जटिलही, चंद्रशेखर प्रसाद बैरिया, चंदन खैरवा, गोलू मिश्रौली भितहां, जगरनाथ प्रसाद मधुबनी बिहार, चंद्रिका बैरिया, लालदेव प्रसाद खैरवा, दिलीप पिपरा शामिल हैं।
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अर्से से चल रही पुल की मांग
इस घाट पर बहुत दिनों से पुल बनाने की मांग चली आ रही है, मगर चुनाव के समय जनप्रतिनिधि आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं। पूर्व प्रधान नथुनी यादव, प्रधान रामेश्वर प्रसाद, भागवत निषाद ने कहा कि पुल बनवाने की मांग बार-बार की जाती है, मगर पूरी नहीं होती है।
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विधायक ने नहीं की सार्थक पहल
विधायक अजय कुमार लल्लू सदन में आवाज उठाने की सिर्फ बात करते हैं। इसको लेकर कोई सार्थक पहल हीं की, ताकि होने वाली मौतों का सिलसिला रुक सके।
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जनप्रतिनिधियों का केवल राजनीतिक अलाप
विधायक को छोड़ दिया जाए तो अन्य दलों के लोगों ने भी पुल निर्माण के नाम पर केवल राजनीति आलाप ही किया। कभी कोई बड़ा आंदोलन नहीं खड़ा किया कि पुल निर्माण की बात पटरी पर आ सके।----