हरिश्चंद्र-तारामती का सजीव मंचन, भाव विभोर श्रद्धालु
जागरण संवाददाता, कुशीनगर : श्रीलक्ष्मी व गोवर्द्धन पूजा के अवसर पर आयोजित जोकवा महोत्सव के पहले
जागरण संवाददाता, कुशीनगर : श्रीलक्ष्मी व गोवर्द्धन पूजा के अवसर पर आयोजित जोकवा महोत्सव के पहले दिन शुक्रवार की रात जोकवा बाजार में सांस्कृतिक संगम सलेमपुर के कलाकारों द्वारा सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र तारामती का सजीव मंचन किया गया। इसे देख दर्शकों की आंखें छलक उठीं।
मंचन के क्रम में महर्षि विश्वामित्र स्वप्न में राजा हरिश्चंद्र के संपूर्ण राज्य को दान में ले लेते हैं तो एक हजार स्वर्ण मुद्राएं दान में। देखे गए इस स्वप्न को पूरा करने के लिए राजा द्वारा संपूर्ण राज्य दे दिया जाता है, लेकिन दक्षिणा की मुद्राओं के लिए उन्हें कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। हरिश्चंद्र चट्टान की तरह अडिग और समुद्र की तरह शांत हो हर कठिनाईयों का सामना करते हैं, पत्नी तारामती व पुत्र रोहिताश्व भी उनके इस सद्कार्य में साथ देते हैं।
इसके लिए राजा हरिश्चंद्र को चांडाल के हाथ तो वहीं तारामती व रोहिताश्व पंडित के हाथ बिक जाते हैं और वे अनेक कठिनाईयों का सामना करते हैं। एक ऐसी स्थिति भी आ जाती है जब हरिश्चंद्र को श्मशान घाट पर मुर्दे को जलाने का कार्य कना पड़ता है और अपने पुत्र के शव को जलाने के लिए भी पत्नी तारामती से कर मांगते हैं। अंत में सत्य की विजय होती है औ हरिश्चंद्र को अपना राज-पाट वापस मिल जाता है। प्रस्तुतकर्ता वाई शंकर मूर्ति व परिकल्पना व निर्देशन मानवेंद्र त्रिपाठी रहे।
बतौर मुख्य अतिथि सपा जिलाध्यक्ष रामअवध यादव, पूर्व विधायक विश्वनाथ सिंह ने फीता काटकर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया और कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा आयोजन एक अनोखा प्रयास है। इस अवसर पर मेला समिति के संरक्षक प्रमुख पति शिवनाथ यादव, अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य विजय यादव, सपा विधान सभाध्यक्ष विजय कुमार यादव, प्रधान रामअशीष जायसवाल, राकेश जायसवाल, राहुल सिंह, सुनील उपाध्याय, विजेंद्र प्रताप सिंह, हरेराम यादव, कृष्णकांत यादव, नंदकिशोर शर्मा, विनय तिवारी, शिवमूर्ति यादव, पवन यादव आदि मौजूद रहे।