राजस्व को चूना लगा रहे डग्गामार वाहन
कुशीनगर: कुशीनगर में डग्गामार वाहनों की भरमार है। जिले के दो प्रमुख मार्गो को छोड़ दिया जाए तो बाकी
कुशीनगर:
कुशीनगर में डग्गामार वाहनों की भरमार है। जिले के दो प्रमुख मार्गो को छोड़ दिया जाए तो बाकी पर प्राइवेट वाहनों का कब्जा बना हुआ है। इस पर रोकथाम लगाने के बजाय एआरटीओ विभाग चुप्पी साधे हुए है, तो दूसरी ओर पुलिस महकमा महीने की सेवा वसूल कर रहा है। यही कारण है कि अस्सी फीसदी गाड़ियां बिना परमिट की सड़कों पर दौड़ रही है। इससे साफ जाहिर है कि सरकारी राजस्व के नुकसान पहुंचाने में अधिकारी या कर्मचारी पीछे नहीं हैं।
उप संभागीय परिवहन विभाग की नजर में कुशीनगर जिले में केवल दो ही प्रमुख मार्ग गोरखपुर-कसया-पडरौना व गोरखपुर-कसया-तमकुहीरोड-राज मार्ग है, जिस पर रोडवेज की बसें संचालित होती हैं। बाकी सभी मार्ग रोडवेज की बसों से अछूते हैं। जबकि इस जिले की आबादी करीब 36 लाख के आसपास है। बड़ी प्राइवेट बसों का संचालन कसया - तुर्कपट्टी- तमकुहीरोड, कसया - रामकोला, पडरौना - जटहां बाजार, समऊर - पडरौना - नेबुआ- खड्डा -पनिहयवां, हाटा - कप्तानगंज आदि मार्गो पर बेरोकटोक जारी है। इसमें चलने वाली अधिकांश बसें खटारा तो हैं पर यात्रियों से सुविधा के नाम पर मनमानी किराया वसूला जाता है। मजे की बात यह है कि विभाग भी जानता है कि यह बसें कागजों में सरेंडर कर चुकी हैं फिर भी सड़क पर चलाया जा रहा है,बावजूद इस पर रोक लगाने का प्रयास कभी नहीं किया गया। इसके अलावा तमकुहीरोड से गोरखपुर व तमकुहीराज से बिहार के गोपालगंज के लिए प्राइवेट बसों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। आधे घंटे व पन्द्रह मिनट के अंतराल पर चलने वाली करीब सौ से अधिक बसें संचालित हैं। इसके अलावा दर्जनों मार्गो पर प्राइवेट टैक्सी व टैंपो वालों का कब्जा बना हुआ है। यही कारण है कि यात्रियों से मनमानी किराया वसूलने के बाद भी सुविधाएं नहीं दी जाती हैं। केवल गोरखपुर-तमकुहीरोड मार्ग कम से कम दो दर्जन से अधिक बसें संचालित हैं। इन पर रोक लगाने के बजाय संबंधित विभाग अनदेखी कर रखा है। इससे इनका मनोबल बढ़ा है।
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बंद हुई गाड़ियां
- एआरटीओ अंबरीश कुमार ने बताया कि इस महीने राजस्व वसूली अभियान में करीब सवा गाड़ियां विभिन्न थानों में कर बकाया में बंद की गई। इनसे करीब 12 लाख रुपये राजस्व वसूली किया गया। अभी कई गाड़ियां दीवाली बाद टैक्स जमा करा छोड़ा जाएगा।