रंग लगा के धोखा, मिलावट का धंधा चोखा
कुशीनगर : दूध में पानी की मिलावट, अब पानी में दूध के मिश्रण में बदल गई है। नकली खोवा सेहत बिगाड़ रहा
कुशीनगर : दूध में पानी की मिलावट, अब पानी में दूध के मिश्रण में बदल गई है। नकली खोवा सेहत बिगाड़ रहा है। दवा युक्त चमकदार व स्वादहीन मौसमी फल तथा सब्जियां जान पर बन आई है। मिलावटी खाद्य वस्तुओं से बाजार अटा-पड़ा है। न कोई रोक है न कार्रवाई। उपभोक्ता क्या खाए, किससे परहेज करे?
दीपावली के आते देख मिलावटखोरों ने एक बार फिर अपना जाल देहात से लेकर नगर, उपनगर व कस्बों तक फैला दिया है। हर घर तक मिलावटी वस्तुओं की खेप पहुंचा कर मालामाल होने का ख्वाब पाले मिलावटखोर सक्रिय हैं। सिंडिकेट के हावी होने से उपभोक्ताओं को शुद्ध वस्तुएं बाजार में ढूंढ़ने से नहीं मिल रही है।
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इसमें है मिलावट
-मरीच में हूबहू रंग वाले पपीते के बीज व पोश्ता दाना में रामदाने, दाल चीनी में पेड़ की छाल, तेज पत्ता में यूकेलिप्टस की पत्ती की मिलावट की जा रही है। ऐसे ही हल्दी पाउडर में ब्रान व चावल का मिश्रण, बेसन में मक्के का आटा, डालडा व खोवा में कृत्रिम उत्पादों की मिलावट, मधु में चीनी के शीरे की मिलावट, सेव को आकर्षक व चमकीला बनाने के लिए मोम का लेपन, सब्जी में विविध रंगों की मिलावट, हरी सब्जियों को तेजी से बढ़ने के लिए दवाओं का इस्तेमाल। दूध में खतरनाक रसायन की मिलावट, सरसों के तेल में भड़भड़वा की मिलावट की बात आम है।
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कहती हैं गृहणियां
-वृद्ध गृहणी सरस्वती देवी कहती हैं मिलावटी पदार्थो के सेवन से सेहत तेजी से बिगड़ रहा है। जीने के लिए खाना जरूरी है। विकल्प न होने से बाजार में उपलब्ध वस्तुओं का प्रयोग बाध्यता है।
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-गृहणी बृजा देवी कहती हैं मिलावट से आम आदमी हार चुका है। धन लोलुपता ने मिलावट खोरों को अंधा बना दिया है। सेहत का साथ खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध उपभोक्ताओं को मुखर होना चाहिए।
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-गृहणी अल्पना देवी कहती सेहत के सौदागरों ने हर खाद्य पदार्थो का विकल्प ढूंढ निकाला है। खाद्य पदार्थ, पेय पदार्थ सब कुछ तो खतरनाक रसायनों, पावडर के मिश्रण से अटे पड़े हैं। उपभोक्ता प्रयोग करने को विवश है।
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क्या कहते हैं चिकित्सक
-सीएमएस डा. बीपी दूबे कहते हैं कि मिलावट का असर मानव के सेहत पर खासा पड़ रहा है। पेट, मस्तिष्क, दिल के मरीजों की संख्या अनायास ही नहीं बढ़ रही है। कहते हैं हमें जागरूक होना होगा।
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वरिष्ठ चिकित्सक डा. राजेश कुमार मिलावट से चिंतित है। कहते हैं मिलावट का खासा असर बच्चों के सेहत पर पड़ रहा है। जिद में बच्चे खाद्य पदार्थ का सेवन कर रहे हैं। इस पर प्रभावी नियंत्रण की पहल करनी होगी।
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क्या कहते अधिवक्ता
-जिला व सत्र न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता आरके गुप्ता कहते हैं कि इसके लिए कानून में कड़ा प्रावधान है। अधिवक्ता वकील राव कहते हैं खाद्य वस्तुओं में मिलावट को उच्च न्यायालय ने संगीन अपराध की श्रेणी में रखा है। मिलावट साबित होने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 272 के तहत आजीवन कारावास तक का प्रावधान है।
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यह कहते हैं डीएम
-मिलावट अहम समस्या है। इसके लिए विभाग गठित है, जो औचक निरीक्षण कर मिलावट की जांच करता है। त्योहार के मद्देनजर विभाग को लगातार चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है।