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क्रसर को मिले उद्योग का दर्जा : छात्र संघ

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 11:28 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 11:28 PM (IST)
क्रसर को मिले उद्योग का दर्जा : छात्र संघ

कुशीनगर : नकदी फसल गन्ना के बदले किसानों को दिए जाने वाले मूल्य भुगतान में हीला हवाली के विरोध में छात्र नेताओं ने न सिर्फ विरोध प्रदर्शन किया बल्कि क्रसर को उद्योग का दर्जा दिए जाने की पुरजोर मांग की।

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सोमवार को प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री को संबोधित जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में छात्र नेताओं ने लिखा है कि देश की प्रमुख नकदी फसल गन्ना व उससे जुड़े लोगों की उपेक्षा किसी से छिपी नहीं है। न समय से गन्ना मूल्य का भुगतान हो रहा है न ही कृषि बढ़ावा देने के लिए किसानों को मुकम्मल सुविधाएं ही दी जा रही हैं। गन्ना बेचकर बच्चों की शिक्षा-दीक्षा, परिजनों का इलाज व बेटे-बेटियों का शादी विवाह जैसे-तैसे निपटा रहे किसानों की माली हालत दिन प्रतिदिन बदत्तर होती जा रही है। छात्र नेताओं ने कहा पूर्वाचल में क्रसर न संचालित हो तो किसानों की और भी दुर्गति होगी। क्रसर उद्योग में गन्ना सीजन में 10 से 15 गरीबों की रोजी मिलने से बड़े स्तर पर रोजगार का सृजन होता है। गन्ने की पेराई व गुड़ बनाने के कार्य में मंडल के लाखों लोगों को अस्थाई रोजगार मिलता है।

छात्र नेताओं ने क्रसर कार्य को उद्योग का दर्जा दिए जाने की मांग की है। प्रदर्शन में छात्र संघ अध्यक्ष गौरव तिवारी, राहुल साह, सूर्याश शाही, इमरान, खान, राहुल राय, बैजनाथ सिंह, हरेंद्र गौतम, अरूण राय, अंकित लोहिया, गोल्डेन सिंह, अमरेंद्र तिवारी, विवेक श्रीवास्तव, मंटू प्रजापति, सुनील यादव, अतुल चौबे आदि मौजूद रहे।


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