सेहत सुधारने को किसान करेंगे परंपरागत खेती
कौशांबी। फसल उत्पादन में लगातार हो रहे रसायन उर्वरक के प्रयोग से भूमि की शक्ति खत्म हो रही है।
कौशांबी। फसल उत्पादन में लगातार हो रहे रसायन उर्वरक के प्रयोग से जहां भूमि की शक्ति खत्म हो रही है। वहीं पैदा होने वाले अनाज को खाने से लोगों की सेहत भी बिगड़ रही है। भूमि की उर्वरा शक्ति व लोगों की सेहत सुधारने के लिए सरकार ने परंपरागत कृषि विकास योजना लागू की है। इसके तहत विभाग जिले के किसानों को जैविक खाद से फसल उत्पादन के लिए प्रेरित करेगा।
प्रदेश के 21 जनपदों में परंपरागत कृषि विकास योजना लागू की गई है, जिसमें कौशांबी जनपद भी शामिल है। इस योजना के तहत जिले के सभी विकास खंड क्षेत्रों में 20- 20 किसानों का समूह गठित किया जाएगा। उन किसानों को जैविक खाद के जरिए फसल उत्पादन के तौर तरीके बताए जाएंगे। कृषि उप निदेशक डॉ. सत्येंद्र ¨सह चौहान ने बताया कि अपर कृषि निदेशक ने परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत खेती कराने का निर्देश जारी किया है। सभी विकास खंडों में 50-50 किसानों का चयन किया जाएगा। जो जैविक खाद के जरिए गेंहू, चना, मटर, धान, अरहर व सरसों आदि का उत्पादन करेंगे। परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत खेती करने वाले किसानों को फसल उत्पादन के लिए कृषि विभाग अनुदान भी दिया जाएगा।
ऊंचे दाम में बिकेगा अनाज
परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत खेती करने वाले किसान जैविक खाद से किसान गेंहू, चना, मटर, धान, अरहर, सरसों आदि का उत्पादन करेंगे। यह अनाज लोगों को निरोगी रखने की क्षमता रखता है। साथ ही मृदा कि खेती में भी सुधार आएगा। कृषि उपनिदेशक ने बताया कि जैविक खाद से पैदा होने वाला अनाज ऊंचे दाम में बिकेंगे।
प्रथम चरण में 1600 किसान करेंगे खेती
जिले के सभी विकास खंडों में परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत खेती कराने के लिए कृषि विभाग को निर्देश जारी किया है। कृषि उप निर्देशक डॉ. सत्येंद्र ¨सह चौहान ने बताया कि प्रथम चरण में जिले के 1600 किसानों को चयन किया जाएगा। सभी विकास खंडों के 200-200 किसान जैविक खाद का प्रयोग कर फसल उत्पादन करेंगे।
कहते हैं डीडी कृषि
कृषि उप निर्देशक डॉ. सत्येंद्र ¨सह चौहान ने बताया कि परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत खेती कराने के लिए शासन ने कृषि विभाग को निर्देश जारी किया है। प्रथम चरण में जिले के 1600 किसानों को चयन किया जाएगा। चयनित किसानों को खेती के प्रशिक्षण किया जाएगा। साथ ही अनुदान भी दिया जाएगा।
20- 20 किसानों का समूह किया जाएगा गठित
21 जनपदों में परंपरागत कृषि विकास योजना लागू
50-50 किसान विकास खंडों में जाएंगे चयनित
1600 किसान प्रथम चरण में किए जाएंगे चयनित
200-200 किसान जैविक खाद करेंगे फसल उत्पादन