Move to Jagran APP

करारी में बेची जा रहीं सैंपल की दवाएं

कौशांबी। करारी कस्बे और आसपास मेडिकल स्टोर पर सैंपल की दवाएं धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। सैंपल की दवा

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Jun 2017 11:13 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jun 2017 11:13 PM (IST)
करारी में बेची जा रहीं सैंपल की दवाएं
करारी में बेची जा रहीं सैंपल की दवाएं

कौशांबी। करारी कस्बे और आसपास मेडिकल स्टोर पर सैंपल की दवाएं धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। सैंपल की दवाओं का रैकेट बड़े पैमाने पर चल रहा है। इसे मरीजों को बेचकर मेडिकल स्टोर वाले मालामाल हो रहे हैं, लेकिन मरीज कंगाल रहे हैं। केवल मेडिकल स्टोर ही नहीं, इस इलाके के कई झोलाछाप भी यही दवाएं दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह दवाएं इलाहाबाद और कानपुर से यहां बड़े पैमाने पर लाई जाती हैं।

loksabha election banner

करारी कस्बे में सैंपल की दवाएं धड़ल्ले से मेडिकल स्टोर पर बेची जा रही है। इन दवाओं को बेचकर मेडिकल स्टोर संचालक जहां टैक्स की चोरी करते हैं। मेडिकल स्टोर वाले इसे प्रमुखता से बेचते हैं। क्योंकि यह दवाएं उन्हें बहुत ही सस्ती दामों पर मिल जाती हैं। हर दवा पर ज्यादा बचत होती है। कस्बे के लगभग सभी मेडिकल स्टोर पर यह दवाएं मिल रही हैं। दवाइयों के साथ-साथ सैंपल के इंजेक्शन भी मिल रहे हैं।

ऐसे काम करता है गिरोह

सैंपल की दवाएं कंपनियां मेडिकल रिप्रजंटेटिव (एमआर) को देती हैं। एमआर का हर महीने का टारगेट होता है कि अधिक से अधिक डॉक्टरों से मिलकर दवाएं उनको दें। फिर कंपनी की दवाओं की बिक्री कराए। लेकिन इसमें निजी अस्पताल के डॉक्टर और एमआर मिलकर खेल करते हैं। सैंपल की दवाएं डॉक्टर लेने के बजाय एमआर से पैसे ले लेते हैं। एमआर उन दवाओं को बाजार में औने-पौने दाम में बेचकर कुछ अपने जेब में रखता है तो कुछ डॉक्टर को देता है। यह खेल कई शहरों में चल रहा है। चूंकि बड़े शहरों में इन दवाओं का मेडिकल स्टोर पर बिकना मुश्किल है। वहां पर दवा कंपनी के अधिकारी भी पकड़ सकते हैं। इन दवाओं को कुछ लोग खरीदकर छोटे शहरों में सप्लाई करते हैं। करारी कस्बे में इलाहाबाद, कानपुर आदि से बड़े पैमाने पर दवाइयां आती हैं।

इसीलिए दी जाती है सैंपल की दवाएं

किस दवा में क्या केमिकल इस्तेमाल हो रहा है और किन बीमारियों के लिए यह फायदेमंद होंगी। इसके लिए दवा कंपनियां दवाइयों का सैंपल डॉक्टरों को फ्री में देती हैं। वह दवाएं सैंपल के रूप में होती हैं। इन दवाओं को डाक्टर मरीजों के फ्री में देते हैं। वह मरीजों को देकर देखते हैं कि यह फायदा करेगी या नहीं। वैसे इनका इस्तेमाल कम ही होता है।

बोले डीआइ

- सैंपल की दवाएं नहीं बेची जा सकती हैं। उसमें साफ-साफ लिखा रहता है नाट फार सेल। इसके बावजूद कोई भी मेडिकल स्टोर वाला बेचता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। करारी सहित कौशांबी के कई इलाकों में ऐसे कुछ शिकायतें मिल रही हैं। सैंपल की दवाएं बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

- राहुल कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.