एक हजार महिलाओं पर मंडरा रही मौत
कौशांबी : एड्स यानि मौत का दूसरा नाम। इस लाइलाज बीमारी से लोग दूर भागते हैं, लेकिन जनपद की एक हजार स
कौशांबी : एड्स यानि मौत का दूसरा नाम। इस लाइलाज बीमारी से लोग दूर भागते हैं, लेकिन जनपद की एक हजार से अधिक महिलाएं इस बीमारी से लुकाछिपी का खेल खेल रही हैं। जनपद की एक हजार महिलाओं को सेक्स वर्कर के रूप में चिह्नित किया गया है। यूपी एड्स नियंत्रण बोर्ड को इसकी जानकारी दी गई है। कंट्रोल बोर्ड ने मात्र 250 महिलाओं की निगरानी की जिम्मेदारी एक संस्था को दी है। संस्था की निगाह सब पर है, लेकिन लक्ष्य से ज्यादा संख्या होने पर वह सभी को जरूरी सुविधाएं नहीं दे पा रही है।
यूपी एड्स नियंत्रण बोर्ड से संबद्ध दलित विकास उत्थान एवं सामाजिक उत्थान समिति को 2007 में कौशांबी का सर्वे कर एड्स पीड़ित महिला व ड्रग्स लेने वाले महिला व पुरुषों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 2007 से लगातार सर्वे हो रहा है। अब तक एक हजार महिलाओं को सेक्स वर्कर के रूप में चिह्नित किया जा चुका है। संस्था की मजबूरी यह है कि उसको 250 महिलाओं की निगरानी व उनको एड्स से बचाव के लिए किट आदि देने की जिम्मेदारी मिली है। संस्था इन महिलाओं को हर महीने मेडिकल परीक्षण करती है। इसके बाद इन्हें जरूरी सामान मुहैया कराती है ताकि वह एड्स से दूर रहें। संस्था ने सभी महिलाओं को एड्स से दूर रखने के लिए यूपी एड्स कंट्रोल बोर्ड से लक्ष्य बढ़ाने की मांग की । लेकिन संस्था को बढ़ा हुआ लक्ष्य नहीं मिल पा रहा है। इससे वह सबकी मदद नहीं कर पा रही है। महिलाओं की स्थिति पर संस्था के परियोजना प्रबंधक अरुण ¨सह ने ¨चता जताई है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते इन महिलाओं को सुविधाएं नहीं दी गई तो यह एड्स की चपेट में आ सकती हैं। स्वास्थ्य विभाग भी इन महिलाओं कोई पहल नहीं कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के साथ समस्या यह है कि वह सभी की सूचनाएं मांग रहा है, संस्था ऐसा कर नहीं सकती है। महिलाओं की गोपनीयता बनाए रखने के लिए वह बाध्य है।
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निगरानी के बाद भी दो महिलाएं एचआइवी पॉजीटिव
कौशांबी : दलित विकास एवं सामाजिक उत्थान समिति 250 सेक्स वर्कर की निगरानी कर रहा है। इन महिलाओं का हर महीने मेडिकल चेकअप कराया जा रहा है। निगरानी के दौरान दो महिलाएं एड्स की चपेट में आई हैं। एचआइवी पॉजीटिव इन महिलाओं को अब संस्था विशेष सुविधा मुहैया करा रही है। परियोजना प्रबंधक ने बताया कि महिलाओं का समय-समय पर इलाज भी कराया जाता है
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संस्था ने यूपी एड्स कंट्रोल बोर्ड से चिह्नित महिलाओं की देखरेख के लिए लक्ष्य बढ़ाने की मांग की है। साथ ही जिले की स्थिति से अवगत भी कराया गया है। लक्ष्य बढ़ाया जाए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यदि लक्ष्य बढ़ता है तो महिलाओं के लिए हितकारी होगा।
- अरुण ¨सह, परियोजना प्रबंधक