मास्साब बनने को उतार दी खाकी वर्दी
कौशांबी : मास्साब बनने के लिए एक जवान ने खाकी वर्दी उतार दी। उसका चयन तीन साल पहले पुलिस में हुआ था।
कौशांबी : मास्साब बनने के लिए एक जवान ने खाकी वर्दी उतार दी। उसका चयन तीन साल पहले पुलिस में हुआ था। सोमवार को जवान ने अपना हलफनामे में इस्तीफा एसपी को सौंपा है। माना जा रहा है कि पुलिस कर्मियों की अनियमित ड्यूटी और अफसरों के उत्पीड़न के सचेत होकर जवान ने यह कदम उठाया है।
सदर कोतवाली के लच्छीपुर गांव निवासी वेद प्रकाश पुत्र ललिता प्रसाद आर्मी से रिटायर्ड हुआ है। वेद प्रकाश की किस्मत ही थी कि उसे 2013 बैच में सिपाही पद पर नौकरी मिल गई। इसके बाद वेद की किस्मत ने फिर करवट बदली। वेद का चयन बीटीसी के लिए हो गया। वेद ने काफी सोच विचार के बाद सिपाही की वर्दी को उतारने के लिए पहली वरीयता दी। उसने सोमवार को एसपी आफिस में पेश होकर अपना हलफनामें में इस्तीफा सौंपा। गौरतलब है कि पिछले दिनों आईजी वुमेन पावर लाइन नवनीत सिकेरा ने प्रदेश के सारे पुलिस अधीक्षकों को भेजे गए पत्र में कहा था कि अनियमित ड्यूटी के चलते पुलिस कर्मी डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। वह लोग थाने आने वाले फरियादियों से सही व्यवहार नहीं करते। इसे लेकर पुलिस कर्मियों को रेस्ट दिए जाने के लिए कहा गया है।
अध्यापक की नौकरी में सैलरी तो ज्यादा है ही उसके अलावा काम भी कम है। इसके अलावा मई और जून का अवकाश भी मिलता है। इतना ही नहीं कैजुअल व साप्ताहिक अवकाश इसी में जुड़ा है। लिहाजा मास्टर की नौकरी में कम काम ज्यादा दाम माना जाता है।