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क्या यही थी स्वच्छता की शपथ

कौशांबी : किसी भी अभियान को अंजाम तक ले जाने में समग्र योगदान की आवश्यकता होती है। ऐसा नहीं कि सिर्फ

By Edited By: Published: Sat, 03 Oct 2015 10:55 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2015 10:55 PM (IST)
क्या यही थी स्वच्छता की शपथ

कौशांबी : किसी भी अभियान को अंजाम तक ले जाने में समग्र योगदान की आवश्यकता होती है। ऐसा नहीं कि सिर्फ एक व्यक्ति या संस्थान की जिम्मेदारी ही नहीं है, बल्कि इसमें सभी को कंधे से कंधा मिलाकर साथ देना होगा। हालांकि सामान्यत: देखा यह जाता है कि किसी के द्वारा अभियान तो छेड़ा जाता है, वहीं दूसरी ओर इसके प्रति जागरुक कम लोग ही होते हैं, यानी अभियान की पूरी जिम्मेदारी एक व्यक्ति के नाम रह जाती है और अभियान टांय-टांय फिस्स नजर आता है। कुछ ऐसा ही असर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पिछले वर्ष गांधी जयंती पर शुरू किए गए स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत अभियान पर भी दिखने लगा है। कुछ दिनों तक इसे परवान चढ़ाने में लोगों के साथ जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का भरपूर सहयोग रहा, लेकिन बाद में उदासीनता के अभाव में दम तोड़ता नजर आ रहा है।

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आज हम बात करेंगे लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले स्वास्थ्य विभाग की। जहां एक ओर सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति सतर्क है। समय-समय पर लोगों में जागरुकता अभियान चलाया जाता है और नित नई योजनाएं बनाई जाती है ताकि किसी भी प्रकार से सभी को स्वस्थ रखने की कवायद की जा रही है। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग में ही जागरुकता का अभाव दिख रहा है। या यूं कहें कि विभागीय अधिकारी उदासीन बने हुए हैं। कुछ ऐसा ही नजारा जिला मुख्यालय में सीएमओ कार्यालय स्थित दवा भंडार कक्ष में भी दिखा। यहां बंडलों और पैकेटों में कई जीवन रक्षक दवाओं के साथ वैक्सीन भी होता है। यहां से जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दवाओं का पैकेट भेजा जाता है। इस कक्ष का आलम यह है कि जगह-जगह गंदगी दिख जाएगी। दवाओं के बंडल के पास पान की लाल पीक नजर आएगी तो चाय पीने के बाद फेंका गया प्लास्टिक की गिलास। इससे शायद स्वास्थ्य विभाग को भी कोई नाता नहीं है, तभी तो यहां गंदगी का आलम नजर आता है। नियमित सफाई के अभाव में बस यूं ही दवाएं रखी गई हैं, जबकि यहां तो साफ-सफाई कुछ अधिक ही नजर आनी चाहिए। और तो और इसी परिसर में सीएमओ भी बैठते हैं। शायद उन तक भी इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। हालांकि इस ओर गंदगी फैलाने वालों को भी सोचना होगा, जागरुकता लानी होगी, तभी सही मायने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत अभियान का महत्व है।


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