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अलवारा झील को पक्षी विहार बनने का रास्ता साफ

कौशांबी : इलाहाबाद की मंडल की सबसे बड़ी अलवारा झील जल्द ही नए स्वरूप में नजर आएगी। साथ ही यहां पर आने

By Edited By: Published: Tue, 28 Jul 2015 10:41 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2015 10:41 PM (IST)
अलवारा झील को पक्षी विहार बनने का रास्ता साफ

कौशांबी : इलाहाबाद की मंडल की सबसे बड़ी अलवारा झील जल्द ही नए स्वरूप में नजर आएगी। साथ ही यहां पर आने वाले साईबेरियन पक्षियों को अनुकूल वातावरण मिलेगा, क्योंकि झील में पक्षी विहार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। वन विभाग व जिला प्रशासन द्वारा भेजी गई कार्ययोजना में प्रदेश सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है और पत्रावली को केंद्र सरकार के पास भेज कर धन की मांग की है। धन मिलने के बाद अलवारा झील में पक्षी विहार बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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दोआबा के सदर तहसील क्षेत्र में स्थित अलवारा झील की पूरे मंडल में विख्यात है। 2100 बीघा भूमि पर फैली हुई झील हजारों लोगों के लिए आकर्षण बनी हुई है। यही नहीं सर्दी के मौसम में लाखों साईबेरियन पक्षी झील में निवास करते हैं। झील की देखरेख न होने की वजह से वहां पर तमाम अव्यवस्थाएं हैं। इसकी वजह से साईबेरियन पक्षियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सुरक्षा के अभाव के चलते क्षेत्रीय लोग हजारों पक्षियों को अपना शिकार बना लेते हैं। इसकी सूचना पूर्व में वन कर्मियों ने प्रभागीय वन अधिकारी से की थी। प्रकरण को गंभीरता से लेने के डीएफओ आरडी पांडेय ने जिला प्रशासन के माध्यम से अलवारा झील को पक्षी विहार बनाने के प्रदेश सरकार को कार्ययोजना भेजी थी। प्रदेश सरकार ने कार्ययोजना को हरी झंडी देने के बाद केंद्र सरकार से के पास पत्रावली भेजकर पक्षी विहार के निर्माण की अनुमति व धन की मांग की है। धन अवमुक्त होने के बाद अलवारा झील को पक्षी विहार का दर्जा देने की कवायद शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद उक्त झील नए रूप में दिखेगी। साथ ही साईबेरियन पक्षियों को असुविधाओं का सामना नहीं करना होगा।

अलवारा झील को पक्षी विहार का दर्जा मिलने के बाद सुरक्षा के मद्देनजर वन विभाग द्वारा चौकी स्थापित की जाएगी। इसके बाद झील की देखरेख व पक्षी की सुरक्षा के लिए वन विभाग कर्मचारियों की तैनाती होगी। इसके बाद साइबेरियन पक्षियों की जान भी सुरक्षित रहेगी।

सदर तहसील क्षेत्र में स्थित अलवारा झील 2100 बीघा भूमि में फैली हुई है। इस झील में कमल का फूल तोड़कर मंहगे रेट पर इलाहाबाद व बनारस में बेंचकर अपनी जेब गर्म करते हैं। इसके अलावा कमल गट्टा को इकट्ठा के बीच से मखाना बनाकर बिक्री करते हैं।

प्रभागीय अधिकारी आरडी पांडेय का कहना है कि अलवारा झील का जनपद में विशेष महत्व झील के सुंदरीकरण करने व पक्षी विहार बनाने के लिए कार्ययोजना पूर्व में प्रदेश सरकार को भेजी गई थी। इसमें प्रदेश सरकार ने कार्ययोजना को मंजूरी दे दी है और पत्रावली को केंद्र सरकार के पास भेजकर धन की मांग की है। धन अवमुक्त होने के बाद झील को पक्षी विहार का दर्जा देने की कवायद तेज कर दी जाएगी।


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