जल संरक्षण को तालाबों का होगा नया स्वरूप
कौशांबी : बूंद-बूंद पानी बचाने की पहल तेज हो गई है। गिरते भू-जल स्तर और पेयजल संकट को देखते हुए मुख्
कौशांबी : बूंद-बूंद पानी बचाने की पहल तेज हो गई है। गिरते भू-जल स्तर और पेयजल संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जल बचाओ अभियान के तहत तालाबों को नया स्वरूप देने के लिए पुख्ता व कारगर योजना तैयार की है। इसके तहत एक हेक्टेयर अथवा इससे बड़े क्षेत्रफल वाले तालाबों की खुदाई कराकर पानी का संरक्षण किया जाएगा। तालाबों में बंधा भी बनाया जाएगा। तालाबों के बंधे में पौधरोपण भी किराया जाएगा। फरमान जारी होते ही जिला प्रशासन ने कार्रवाई के लिए तालाबों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री जल बचाओ योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत एक हेक्टेयर क्षेत्रफल अथवा इससे बड़े क्षेत्रफल के तालाबों की खुदाई कराई जाएगी। खुदाई के बाद इनका बंधा भी बनाया जाएगा। खुदाई के बाद मिट्टी बाहर नहीं फेंकी जाएगी, इसी मिट्टी से बंधा तैयार किया जाएगा। बंधा इतना चौड़ा होगा कि उस पर पौधरोपण किया जा सके। सचिव रामबहादुर ने सूबे के सभी जिलाधिकारियों व मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए हिदायत दी है कि वह जल्द से जल्द इस योजना के तहत कार्य शुरू कराएं। तालाब खुदाई का काम कार्यदायी संस्था जल निगम, लघु ¨सचाई विभाग, यूपी प्रजोक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड के हवाले होगा। सचिव का निर्देश मिलते ही जिला प्रशासन ने तालाबों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राजस्व विभाग से तालाबों का ब्योरा मांगा गया है। राजस्व प्रशासन एक बार नए सिरे से तालाबों का ब्योरा खंगालने में जुट गया है।
मुख्यमंत्री जल बचाओ योजना के तहत एक हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले तालाबों का जल्द ही कायाकल्प होगा। कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से तालाबों की खुदाई कराई जाएगी। ग्राम पंचायतों के हवाले यह काम नहीं होगा। इससे उम्मीद है कि तालाबों को जल्द ही नया स्वरूप मिलेगा। तीन मीटर की गहराई तक तालाबों की खुदाई कराई जाएगी। इसके अलावा तीन मीटर चौड़ाई में ही तालाबों का बंधा होगा। तालाब की खुदाई से निकलने वाली मिट्टी का इस्तेमाल बंधा बनाने में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जल बचाओ योजना के तहत तालाबों की खुदाई में तकनीकी विधा भी शामिल होगा। तालाबों को ऐसा स्वरूप व ऐसे इंतजाम किए जाएंगे कि यदि सामान्य से एक तिहाई भी बारिश होती है तो तालाब लबालब भर जाएंगे। इसके अलावा तालाब का पानी बाहर नहीं जाएगा। ओवरफ्लो होने पर तालाब का पानी बाहर निकालने के लिए भी अलग से इंतजाम किया जाएगा। इसके अलावा बाहर का पानी तालाब में लाने के लिए भी इंतजाम किए जाएंगे।