मजदूरों के शव पहुंचते हुई मचा कोहराम
---बिहार में ईट-भट्टे पर शनिवार की रात गोली मारकर की गई थी हत्या ---ग्रामीणों पर जनप्रतिनिधियों
---बिहार में ईट-भट्टे पर शनिवार की रात गोली मारकर की गई थी हत्या
---ग्रामीणों पर जनप्रतिनिधियों को लगा रहा जमावड़ा
जागरण संवाददाता, कौशांबी : बिहार के जहानाबाद जिले के एक ईंट भट्ठे पर शनिवार की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सोमवार की शाम को मजदूरों का शव आया तो कोहराम मच गया। घटना की जानकारी होने पर जनप्रतिनिधियों समेत भारी संख्या में लोगों ने पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी। युवकों की मौत से घर वालों का रो-रो कर बुरा हाल है।
करारी थाना क्षेत्र के रक्सवारा निवासी मोहनलाल (30) पुत्र मैकूलाल और विजय लाल (18) पुत्र मिठाईलाल बिहार के जहानाबाद जिले के घोसी थाना क्षेत्र के मननपुर गांव के एक ईंट भट्ठे में काम करते थे। शनिवार की रात असलहों से लैस लोगों ने ईंट भट्ठे पर धावा बोला। असलहाधारी ईंट भट्ठा मालिक को खोज रहे थे। मालिक के न मिलने पर सो रहे मोहनलाल और विजय को जगाया और भट्ठे से कुछ दूरी पर ले जाकर गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। मुंशी रामानुज ठाकुर ने दोनों की सुबह लाश देखी तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पोस्टमार्टम को शव भेजकर कार्रवाई शुरू कर दी। परिजनों को सूचना दी गई तो घर में हाहाकार मच गया। सोमवार की शाम को मोहनलाल और विजय का शव आया तो परिजन दहाडे़ मारकर रो पड़े। घटना की जानकारी होने पर जनप्रतिनिधि सांत्वना देने पहुंचे। जिला पंचायत सदस्य भोला सरोज, श्रीपाल पाल, बसपा नेता रामलखन भारतीय, राकेश मोहन गुप्ता, वीरेंद्र आदि लोगों ने पीड़ति परिजनों को सांत्वना दिया। साथ ही इस मामले में कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजने का आश्वासन दिया। घटना से गांव के लोग गमजदा हैं।
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कमाई नहीं घर लौटीं लाशें
कौशांबी : कमाई के सिलसिले में बिहार गए मोहनलाल और विजय के परिजनों ने यह कभी नहीं सोचा रहा कि उनकी लाशें ही परदेस से आएंगी। मोहनलाल की शादी तीन साल पहले संगीता के साथ हुई थी। शादी के तीन साल बाद भी संगीता को कोई बच्चा नहीं हुआ। विजय लाल की शादी नहीं हुई थी। उसकी सगाई होने वाली थी। इसकी तैयारी चल रही थी। होली पर्व पर दोनों नहीं आए थे, दोनों युवकों ने घर वालों को बता रखा था कि काम खत्म करने के बाद वह दीपावली पर्व से पहले आएंगे। सोमवार को जब दोनों की लाशें घर आईं तो परिजनों का कलेजा चाक हो गया। परिजन छाती पीट कर लाशों पर रो रहे थे।