दोआबा में बढ़ रही नशेड़ियों की जमात
-- 500 से अधिक लोग नशे की चपेट में -- 134 नशेड़ियों को संस्था दे रही सुविधा कौशांबी : जिले मे
-- 500 से अधिक लोग नशे की चपेट में
-- 134 नशेड़ियों को संस्था दे रही सुविधा
कौशांबी : जिले में ड्रग्स के शिकार की लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। नशीले इंजेक्शन, दवाइयां व अन्य मादक पदार्थो का सेवन कर लोग शारीरिक व आर्थिक रूप से कमजोर बनते जा रहे हैं। इसका समाज पर भी बुरा असर पड़ रहा है। लाख कवायद करने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इन पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।
दोआबा के युवा व मजदूर वर्ग कम खर्च पड़ने पर ड्रग्स के जरिए नशे की पूíत कर रहे हैं। जिसका उनके शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मेडिकल स्टोर से नशीली दवा खरीद कर इंजेक्शन के जरिए नस में उस दवा का सेवन करते हैं। इन नशेड़ियों से एचआइवी का खतरा बना रहता है। इसकी रोकथाम के लिए दलित विकास एवं सामाजिक उत्थान समिति की नजर नशेड़ियों पर हैं। अब तक संस्था 134 लोगों का पंजीयन कर चुकी है।
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शरीर में आ सकती है अपंगता
कौशांबी : दलित विकास एवं सामाजिक उत्थान समिति के प्रबंधक अरुण ¨सह का कहना है कि जनपद में 134 लोग ड्रग्स से पीड़ित हैं। इनमें से 30 लोग ऐसे हैं, जिन्हें 24 घंटे में कम से कम चार बार इंजेक्शन लगवाना पड़ता है। कुछ लोग शरीर की नस को छोड़कर असुरक्षित स्थान पर भी इंजेक्शन लगवाते हैं। इसमें छाती, गर्दनआदि स्थान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन स्थानों में बार-बार इंजेक्शन लगवाने से उनके शरीर में अपंगता भी आ सकती है। इससे बचाने के लिए नशेड़ियों को सलाह दी जाती है कि वह घातक अंगों पर इंजेक्शन न लगाएं।
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शरीर में ऊर्जा लाने के लिए करते हैं नशा
कौशांबी : दलित विकास एवं सामाजिक उत्थान समिति के प्रबंधक का कहना है कि मजदूर वर्ग के लोग शरीर में ऊर्जा लाने के लिए नशे का सेवन करते हैं। संस्था द्वारा जिन मरीजों का पंजीयन किया गया है। उनमें रिक्शा चालक, ईंट की पथाई करने वाले कई व्यक्ति शामिल हैं। जनपद में एक हजार से अधिक ड्रग्स के नशेड़ी हैं। लक्ष्य न मिलने के कारण शेष नशेड़यिों को सुविधा नहीं दी जा रही है। इसकी रिपोर्ट जिला एड्स रोग नियंत्रण अधिकारी को भेजी जा चुकी है।
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एचआइवी लाइलाज है। इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। संस्था द्वारा चिन्हित ड्रग्स नशेड़ियों से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लगातार संपर्क में हैं। एचआइवी से बचाव के लिए उन्हें डिस्पोजल सिरिंज उपलब्ध कराया जाता है। नशे की दवा इनको कहां से प्राप्त होती है। इसकी जांच की जा रही है। जल्द ही नशे की दवा बेचने वाले मेडिकल स्टोर संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी।
डा. एसएन त्रिपाठी, जिला एड्स रोग नियंत्रण अधिकारी