कागजों में प्रबंध समिति के सदस्य प्रशिक्षित!
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : परिषदीय शिक्षा व्यवस्था सुधारने को प्रबंध समिति के सदस्यों का प्रशिक
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : परिषदीय शिक्षा व्यवस्था सुधारने को प्रबंध समिति के सदस्यों का प्रशिक्षण कार्यक्रम फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर की गई जागरण पड़ताल में सामने आया कि किस तरह अधिकारी सदस्यों को कागजों में प्रशिक्षित कर रहें हैं। इसकी बानगी जागरण की टीम को बीएसए दफ्तर से लगभग 5 किमी दूर भुगनियापुर प्रशिक्षण केंद्र में देखने को मिली।
भुगनियापुर प्रशिक्षण केंद्र में पातेपुर, सलावतपुर, धरऊ, मिलकिनपुरवा, मड़वाई, मुस्तफाबाद आदि 11 स्कूलों के 66 सदस्यों को प्रबंध समिति का प्रशिक्षण दिया गया। शनिवार से शुरू तीन सदस्यीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को समाप्त हो गया। इसके तहत प्रत्येक सदस्य को रोजाना प्रशिक्षण के नाम पर सौ रुपये भत्ता दिया जाता है। जागरण की टीम ने रविवार व सोमवार को प्रशिक्षण कार्यकम की मौके पर पहुंच कर पड़ताल की तो सच्चाई सामने आ गई। सोमवार को प्रशिक्षण में 54 लोग उपस्थित दर्शाए गए थे, जबकि मौके पर 29 लोग ही मौजूद थे। वहीं रविवार को प्रशिक्षण के दूसरे दिन दोपहर एक बजे विद्यालय में मजबूत ¨सह, राजवीर ¨सह, रजिया खातून, बंदना, रजनी, अनूप कुमार समेत छह लोग ही मौजूद थे। सदस्यों के अलावा प्रशिक्षक अरुण गुप्ता, चंद्रशेखर व एनपीआरसी संजय अवस्थी मौजूद थे। प्रशिक्षण कक्ष खाली पड़ा था और लोग भी जाने की तैयारी में खड़े थे। जबकि, रजिस्ट्रर में 47 लोगो की उपस्थिति दिखाई गई थी। सवाल यह है कि बीएसए दफ्तर के सबसे नजदीक स्कूल में प्रशिक्षण का यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में हुए प्रशिक्षण का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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मनमाने ढंग से बदल दिया समय
प्रबंध समिति के प्रशिक्षण का समय सुबह 10 से शाम 4 बजे तक निर्धारित है। कम संख्या के जवाब में प्रशिक्षक अरुण गुप्ता ने बताया कि गर्मी की वजह से समय बदल कर सुबह 8 से 2 बजे तक कर दिया गया है। लेकिन, एक बजे ही प्रशिक्षण खत्म करने के सवाल का वह जवाब नहीं दे सके। नियमानुसार प्रशिक्षण का समय शासन स्तर से तय है इसमें कोई फेरबदल बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता।
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खाना व नाश्ता में खेल
कानपुर देहात : भुगनियापुर विद्यालय में एनपीआरसी संजय अवस्थी ने बताया कि प्रशिक्षण लेने आने वाले सदस्यों के लिए खाना व नाश्ता उन्होंने स्कूल में ही रसोइयों से बनवाया है। नियमानुसार प्रशिक्षण के लिए एमडीएम (मिड डे मील) सामग्री या व्यवस्था का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। -------------------------
प्रशिक्षण का समय बिलकुल नहीं बदला जा सकता है। उनकी जानकारी में कोई अनुमति ऐसी नहीं लगी गई है। वहीं खाना बनवाने में एमडीएम का गैस सिलेंडर व राशन का इस्तेमाल भी नहीं हो सकता है। इसके लिए प्रति सदस्य तीन सौ रुपये के हिसाब से एनपीआरसी के खाते में धन में दिया गया है। उसी से नाश्ता व भोजन की व्यवस्था करनी है। भुगनियापुर में प्रशिक्षण में अनियमितता करने पर एनपीआरसी से स्पष्टीकरण तलब करने के साथ प्रशिक्षण की जांच कराई जाएगी।
शाहीन, बीएसए