ठगा महसूस कर रहे वालंटियर
डेरापुर, संवाद सहयोगी: अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत परिषदीय स्कूलों में सर्वे करने वाले वालंटियर ठ
डेरापुर, संवाद सहयोगी: अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत परिषदीय स्कूलों में सर्वे करने वाले वालंटियर ठगा सा महसूस कर रहे हैं। तीन साल बाद भी मानदेय व प्रमाण पत्र के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं।
6 से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत शिक्षित करने के लिए वर्ष 2011 में ब्लाक स्तर पर तीस-तीस वालंटियर चयनित कर सर्वे कराया गया था। तत्कालीन मंडलायुक्त ने परिषदीय स्कूलों व आगनबाडी केंद्रो का सर्वे भी वालंटियरों से कराने का निर्देश दिया था। इसे व्यवस्था की खामी कहा जाए या लापरवाही कि सर्वे करने वाले वालंटियरों को अभी तक मानदेय और प्रमाण पत्र नहीं मिला है। गजेन्द्र सिंह, राजेश, गौरव तिवारी, प्रभा, नवनीत कुमार, आशीष, उत्कर्ष आदि वालंटियरों ने बताया कि कई बार कार्यालयों के चक्कर लगाये लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। अब समस्या समाधान की गुहार मंडलायुक्त से की है। खंड शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने बताया कि वालंटियरों को अकबरपुर बीआरसी में प्रशिक्षण देकर सर्वे का काम कराया गया था। प्रमाणपत्र व बकाया मानदेय अकबरपुर बीआरसी स्तर पर ही देय है। इस बाबत बीएसए को अवगत कराया जा रहा है।