Move to Jagran APP

पढ़े-लिखे लोग इस देश को बदनाम कर रहे..

बिल्हौर, संवाद सहयोगी : वसंत पंचमी के मुख्य पर्व पर शनिवार की रात मकनपुर में कवि सम्मेलन का आयोजन कि

By Edited By: Published: Sun, 25 Jan 2015 11:21 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jan 2015 11:21 PM (IST)
पढ़े-लिखे लोग इस देश को बदनाम कर रहे..

बिल्हौर, संवाद सहयोगी : वसंत पंचमी के मुख्य पर्व पर शनिवार की रात मकनपुर में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवियों ने अपनी रचनाएं सुनाकर लोगों को बांधे रखा।

loksabha election banner

श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष जगदेव सिंह ने फीता काटकर कवि सम्मेलन का उद्घाटन किया। कवियत्री रंजना सिंह ने सरस्वती वंदना मातु सरस्वती जरा दुलार दे मुझे, हो सके तो शब्द उधार दे मुझे सुनाकर शुरुआत की। कवि अमित ने अनपढ़ पढ़े लिखों की तरह काम कर रहे है, पढ़े लिखे लोग देश को बदनाम कर रहे हैं.. सुनाकर सामाजिक ताने-बाने पर व्यंग कसा। मनोज यादव ने पंडे ने भक्त से कहा कि गंगा जी के नीर को तू चंदन समझ के धरवा ले तो दान में गाय मांग रहे पंडे को भक्त ने जवाब दिया कि गंगा जी की मेढकी को तू बछिया समझ के धरवा ले.. सुनाकर तालियां बटोरीं। शिवशरण फतेहपुरी ने बची हुयी हैं आंखों में जो उम्मीदें, सपनों की तस्वीर बनाती रहती हैं। मिली जुली तहजीब विरासत है अपनी, सरकारें तो आती जाती रहती हैं..सुनाया। कवियत्री हया ने चली है शामे शहर धीरे-धीरे, गुलों पे करेगी असर धीरे-धीरे.. तथा हास्य कवि केके अग्निहोत्री ने आजकल जो नंगा है भला है चंगा है, नंगों की आन है बान है शान है और नंगे महान है.. सुनाकर श्रोताओं को गुदगुदाया। अंत में प्रमोद तिवारी ने न मैं राहों में रहता हूं, न मैं जेब में रहता हूं। सफर में मुश्किल रहती है मै मुश्किलों में रहता हूं सुनाकर लोगों को वाह कहने के लिए मजबूर कर दिया। उपजिलाधिकारी शैलेंद्र भाटिया, मेला कमेटी के सदस्य मजाहिर हुसैन, नीरेंद्र कटियार, जफर हसन, शाहिर हुसैन मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.