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नहीं पहुंची कार्यकत्री, इंतजार करते रहे मासूम

झींझक, संवाद सहयोगी : बुधवार सुबह के साढ़े दस बजे थे लेकिन बान गांव के मजरा चिता का पुरवा स्थित विद्

By Edited By: Published: Wed, 29 Oct 2014 07:35 PM (IST)Updated: Wed, 29 Oct 2014 07:35 PM (IST)
नहीं पहुंची कार्यकत्री, इंतजार करते रहे मासूम

झींझक, संवाद सहयोगी : बुधवार सुबह के साढ़े दस बजे थे लेकिन बान गांव के मजरा चिता का पुरवा स्थित विद्यालय में आंगनबाड़ी केंद्र पर ताला लटक रहा था। गेट पर कुछ मासूम कार्यकत्री का इंतजार कर रहे हैं। यह सिर्फ बानगी है बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन की। ऐसे कई केंद्र है, जो सिर्फ अभिलेखों में ही खुलते हैं।

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झींझक ब्लाक क्षेत्र में करीब डेढ़ सौ से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। इनमें छह साल तक के बच्चों व धात्री महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए पुष्टाहार का वितरण किया जाता है। भले ही इन केंद्रों के खुलने व बंद होने का समय निर्धारित होने लेकिन इनका संचालन कार्यकत्रियों की मनमर्जी से होता है। केंद्रों पर बच्चे पहले आ जाते हैं लेकिन कार्यकत्री का पता नहीं रहता है। बच्चे इंतजार कर घर लौटने को मजबूर होते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि निरीक्षण के नाम पर खानापूरी की जाती है, आज तक किसी भी कार्यकत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। बुधवार को ऐसी ही स्थिति बान गांव के मजरे चिता का पुरवा में देखने को मिली। यहां स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर सुबह साढ़े दस बजे ताला लटक रहा था। कई बच्चे गेट के बाहर बैठे कार्यकत्री के आने का इंतजार कर रहे थे। मुख्य सेविका विद्यावती ने बताया कि रोजाना आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया जाता है। देर से खुलने वाले केंद्रों की कार्यकत्रियों पर कार्रवाई भी की जाती है। चिता का पुरवा आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुला है तो संबंधित आंगनबाड़ी से स्पष्टीकरण तलब कर कार्रवाई की जाएगी।


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